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सीबीआई को निर्देश- वीरभद्र सिंह को दें दस्तावेज

एक विशेष अदालत ने आज सीबीआई को निर्देश दिया कि वह हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह और अन्य के खिलाफ करीब 10 करोड़ रूपए के आय से अधिक संपत्ति के मामले में कुछ दस्तावेज सिंह को सौंपे। विशेष जज वीरेंद्र कुमार गोयल ने ये निर्देश सीबीआई की ओर से यह कहे जाने पर जारी किए कि जांच अधिकारी के किसी अन्य मामले में व्यस्त होने के कारण अदालत के निर्देशानुसार अरोपियों को दस्तावेज नहीं दिए जा सके। वीरभद्र सिंह, उनकी पत्नी प्रतिभा सिंह और अन्य ने पहले अदालत को बताया था कि उन्हें आरोप पत्र के साथ दाखिल किये गये विभिन्न दस्तावेज नहीं मिले हैं।

 

अदालत ने निजी पेशी से छूट मांगने वाले सिंह दंपति की दायर याचिकाओं पर भी एजेंसी से आज प्रतिक्रिया मांगी। अदालत ने मामले की सुनवाई के लिए 31 अक्तूबर की तारीख तय की है। अदालती कार्यवाही के दौरान मौजूद रहे सिंह दंपति के अलावा इस मामले के अन्य आरोपी हैं- यूनिवर्सल एप्पल असोसिएट के मालिक चुन्नी लाल चौहान, स्टैंप पेपर के विक्रेता जोगिंदर सिंह घाल्टा, तारानी इंफ्रास्ट्रक्चर के प्रबंध निदेशक वी. चंद्रशेखर, सह आरोपी लावण कुमार रोआच, प्रेम राज और राम प्रकाश भाटिया। अदालत की ओर से इनके खिलाफ जारी समनों की तामील के बाद इन लोगों के पेश होने पर अदालत ने इन्हें 29 मई को जमानत दे दी थी।
आरोप पत्र में एलआईसी एजेंट आनंद चौहान का भी नाम है। प्रवर्तन निदेशालय ने आय से अधिक संपत्ति के इस मामले से जुड़े धन शोधन के एक अन्य मामले में पिछले साल नौ जुलाई को चौहान को गिरफ्तार किया था। इस समय वह न्यायिक हिरासत में है। अदालत ने सीबीआई की ओर से दायर आरोप पत्र का संज्ञान लेते हुए इन लोगों को आठ मई को तलब किया था। सीबीआई की ओर से दायर 500 पन्नों के आरोप पत्र में लगभग 225 गवाहों के बयान थे और इसमें 442 दस्तावेज थे। आरोप पत्र में दावा किया गया है कि सिंह ने लगभग 10 करोड़ रूपए की संपत्ति जुटाई थी, जो कि केंद्रीय मंत्री रहने के दौरान उनकी कुल आय से अधिक है। उच्चतम न्यायालय ने मामला दिल्ली उच्च न्यायालय को स्थानांतरित कर दिया था। छह अप्रैल 2016 को दिल्ली उच्च न्यायालय ने सीबीआई से कहा था कि वह सिंह को गिरफ्तार न करे और सिंह को जांच में हिस्सा लेने का निर्देश दिया था। पिछले साल पांच नवंबर को शीर्ष अदालत ने सिंह की याचिका को हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय से दिल्ली उच्च न्यायालय में स्थानांतरित कर दिया था।
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