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विश्व कैंसर दिवस विशेष: जरूरी है कैंसर से बचाव, इन बातों का रखें खास ध्यान

कैंसर एक बहुत ही गंभीर बीमारी है इसकी गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं कि दुनियाभर में सालभर में इस बीमारी से करोड़ों लोग ग्रसित होते हैं और लगभग एक करोड़ लोगों की असमय मौत हो जाती है। भारत मे इसकी गंभीरता का अनुमान इस तथ्य से लगाया जा सकता है कि प्रतिवर्ष लगभग 8 लाख महिलाएं और 7 लाख पुरुष इससे ग्रसित हो जाते हैं जिसमें से लगभग आधे मौत का शिकार हो जाते हैं।

वास्तव में कैंसर में शरीर की कोशिकाएं असामान्य रूप से बढ़ने लगती हैं और वो ट्यूमर का रूप ले लेती हैं। इसकी विशेषता यह है कि यह शरीर के किसी भी हिस्से या अंग में मौजूद कोशिकाओं को प्रभावित कर सकता है। कैंसर की गंभीरता को देखते हुए प्रतिवर्ष 4 फरवरी को विश्व कैन्सर दिवस का आयोजन किया जाता है। विश्व कैंसर दिवस के आयोजन का उद्देश्य कैंसर के बारे में जागरूकता और कैंसर शिक्षा को बढ़ावा देना है जिससे रोकथाम योग्य मौतों को रोका जा सके। वरिष्ठ चिकित्सक अनुरुद्ध वर्मा ने कैंसर को लेकर बताईं कुछ खास बातें-

कैंसर के प्रकार
एक अनुमान के अनुसार दुनिया में लगभग 100 प्रकार के कैंसर पाए जाते हैं। इनमें ब्लड कैंसर, मुंह का कैंसर, गले का कैंसर, स्तन कैंसर, गर्भाशय कैंसर, अंडाशय कैंसर, सर्वाइकल कैंसर, फेफड़ों का कैंसर, प्रोस्टेट (पौरुष ग्रंथि) कैंसर, मूत्राशय का कैंसर, मस्तिष्क का कैंसर, लिवर (यकृत) कैंसर, बोन कैंसर, पेट का कैंसर, आदि प्रमुख हैं। दुनिया में सबसे अधिक लोग इन्हीं प्रकार के कैंसर से ग्रसित होते हैं।

कैंसर के कारण
कैंसर के कारणों का अभी निश्चित रूप से पता नहीं लगाया जा पाया है परंतु यह माना जाता है कि कैंसर के लिये कुछ चीजें जिम्मेदार हैं जैसे:

  • तंबाकू या उससे बने उत्पाद, जैसे- सिगरेट आदि का लंबे समय तक सेवन मुंह और फेफड़ों के कैंसर का कारण बन सकता है।
  • लंबे समय तक एल्कोहल का सेवन लिवर (यकृत) कैंसर समेत शरीर के कई अंगों में कैंसर के खतरे को बढ़ा देता है।
  • आनुवंशिक दोष या उत्परिवर्तन भी कैंसर के खतरे को काफी हद तक बढ़ा सकता है। इसमें स्तन कैंसर का खतरा सबसे ज्यादा होता है।
  • लंबे समय तक पराबैंगनी किरणों के संपर्क में रहने से कैंसर का खतरा बढ़ सकता है।
  • कभी-कभी मोटापा भी कैंसर के खतरे को बढ़ा देता है।

कैंसर के लक्षण
कैंसर के लक्षण देर से प्रकट होते हैं इसलिए शरीर की नियमित जांच कराते रहना चाहिए तथा नीचे दिये हुये लक्षणों में से कोई दिखाई दे तो तुरंत चिकित्सक से सलाह लेनी चाहिए।

  • त्वचा के नीचे गांठ महसूस होना।
  • शरीर का वजन अचानक से कम या ज्यादा होना।
  • त्वचा पर जल्दी निशान पड़ जाना।
  • निगलने में कठिनाई होना।
  • मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द होना।
  • घाव का जल्दी ठीक न होना।
  • थकान और कमजोरी महसूस होना।
  • पेट में लगातार दर्द होना

कैंसर से बचाव के उपाय
कैंसर का उपचार कठिन है परंतु बचाव आसान है इसलिए कुछ सावधनियां अपना कर इससे बचा जा सकता है।

  • शरीर की नियमित जांच कराते रहें।
  • धूम्रपान, तम्बाकू, गुटखा, शराब, पान मसाला का सेवन न करें।
  • हरी सब्जियां, फाइबर युक्त आहार, मौसमी फल, आदि का प्रयोग करें।
  • आहार में अधिक वसा न लें।
  • रेडिएशन के संपर्क में आने से बचें।
  • नियमित रूप से व्यायाम करें।
  • शरीर का सामान्य वजन बनाए रखें।
  • कोई परेशानी होने पर तुरंत चिकित्सक से सलाह लेना चाहिए।

कैंसर का उपचार
अभी तक कैंसर का कोई निश्चित उपचार नहीं खोजा जा सका है परंतु सर्जरी, रेडियोथेरेपी द्वारा इसके उपचार का प्रयास किया जा रहा है। होम्योपैथिक चिकित्सा पद्धति द्वारा कैंसर के रोगियों के जीवन की गुणवत्ता को बढ़ाया जा सकता है तथा शरीर की तकलीफों को कम किया जा सकता है कैंसर के उपचार में होम्योपैथी की भूमिका पूरक के रूप में हो सकती है। चूंकि कैंसर का कोई निश्चित उपचार नहीं है इसलिए बचाव पर ज्यादा ध्यान दिया जाना चाहिए।

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