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लोकसभा और राज्यसभा में सिर्फ झूठ बोलने का काम करती है भाजपा: अखिलेश यादव

अशाेक यादव, लखनऊ। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बुधवार को सिकंदरपुर सरोसी स्थित मनोहरलाल इंटर कॉलेज में केंद्र सरकार पर जासूसी करने का आरोप लगाया। बोले, इतिहास इस बात की गवाह है कि जिन सरकारों ने जासूसी कराई, वह सत्ता से बाहर हो गईं।

भाजपा को अपने काम पर भरोसा नहीं, इसलिए वह जासूसी करा रही है। ऐसा करके वह राष्ट्रद्रोह कर रही है। आरोप लगाया कि केंद्र सरकार लोकसभा और राज्यसभा में सिर्फ झूठ बोलती है। देश प्रदेश की जनता को गुमराह करके वोट लेने में भाजपा माहिर है। 

पूर्व मंत्री मनोहरलाल 85वीं जयंती पर आयोजित माल्यार्पण कार्यक्रम में आए अखिलेश यादव ने महंगाई, बेरोजगारी और किसान मुद्दे पर केंद्र और राज्य सरकार को घेरा। बोले, मंत्री कहते हैं कि कोरोना काल में ऑक्सीजन की कमी से किसी की मौत नहीं हुई। कौन इनकी बातों पर भरोसा करेगा। सरकारें कोरोना से मरने वालों का आंकड़ा छिपा रही हैं। सुप्रीम कोर्ट ने आश्रितों को मुआवजा देने को कहा।

भाजपा मुआवजा नहीं देना चाहती, इसलिए मृतकों का सही आंकड़ा नहीं बता रही। आरोप लगाया कोरोना से जो मौतें हुईं, उसकी जिम्मेदार भाजपा है। किसानों की आय दोगुनी करने का दावा करने वाली भाजपा सरकार में किसानों की आय कम हो गई है। महंगाई इतनी कि मुफ्त में मिले गैस सिलेंडर को गरीब भरा नहीं पा रहे हैं। रोजगार का वादा भी फेल है। हालात ऐसे हैं कि बेरोजगारों की संख्या बढ़ गई है।

आज राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री से लेकर प्रशासन तक सभी भाजपा के हैं। ऐसे में विकास करने में क्या बाधा आ रही है। भाजपा ने साढ़े चार साल में प्रदेश का कोई विकास नहीं किया। गरीबों से वोट और अमीरों से नोट लिया और देश की संपत्ति बेच दी। गरीबों से पैसा लेकर अमीरों में बांट दिया और अमीर उस पैसे को लेकर देश छोड़कर भाग गए।

काला धन कहां है। जिला पंचायत सदस्यों की खरीद फरोख्त किसी से छिपी नहीं है।किस तरह से भाजपा ने तांडव किया। लोकसभा में पिछड़े और दलितों का मंत्रिमंडल बनाने का दावा किया जा रहा है। सवाल पूछा कि क्या मंत्री बनाने से किसी का लाभ होता है। बोले, मुख्यमंत्री को संविधान से कोई मतलब नहीं है। उनका एक संविधान है ठोको संविधान। सपा के लोग लैपटॉप बांट रहे थे। वादा तो भाजपा ने भी लैपटॉप देने का किया था, पर आज तक नहीं दिया।

कोरोना की वजह से बड़ी संख्या में गरीबों की बिना इलाज जान चली गई। गंगा के किनारे लाशें दफन मिलीं। सरकार कहती है कि कोरोना से जान नहीं गई। सरकार न दवा दिला पाई, न बेड और ना ऑक्सीजन दे पाई। लाखों लोगों की जान चली गई। जब गरीबों को मदद की जरूरत थी, तब भाजपा चुनाव लड़ रही थी। सपा कार्यकर्ताओं ने पूरी ताकत के साथ कोरोना में लोगों की मदद की। सपा ने एम्बुलेंस न चलाई होती तो वह भी नहीं मिलती। सबसे सस्ती दवा पैरासिटामाल नहीं मिली।

2022 का चुनाव किसान, मजदूर और नौजवानों के भविष्य का चुनाव है। भाजपा ने कहा था कि किसानों की आय दोगुनी कर देंगे। भीड़ से सवाल पूछा कि क्या आय दोगुनी हुई। डीजल, पेट्रोल महंगा हो गया। किसान परेशान है। नौजवान खाली बैठा है। वादा किया था कि 70 लाख लोगों को नौकरी मिलेगी। प्रधानमंत्री ने वादा किया था कि एक करोड़ को नौकरी दी। सवाल पूछा कि क्या किसी की नौकरी लगी। प्रदेश में साढ़े चार साल में कोई फैक्ट्री नहीं लगाई गई।

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्नाव चंद्रशेखर आजाद और सूर्यकांत निराला की धरती है। यहां से क्रांतिकारियों ने जन्म लिया। भीड़ से आग्रह किया है कि चुनाव में भाजपा से बदला जरूर लेना। बोले, पुलिस को हमने सही किया था। ये लोग मजबूरी में फंस गए। पुलिस को लग्जरी गाड़ी दी थी। जिससे कांस्टेबल भी चल सकता था। दुनिया की सबसे अच्छी व्यवस्था थी। उसे भाजपा ने बिगाड़ दिया। भविष्य में पुलिस को बेहतर सुविधा देने का काम सपा की सरकार करेगी। 

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार बिजली के कारखाने पर बात नहीं करती है। सपा सरकार ने कानपुर के बगल में भौती में बिजली कारखाना का काम शुरू कराया था। सही से काम किया होता तो 2000 मेगावाट का बिजली कारखाना बनकर तैयार हो जाता। पनकी कानपुर में थर्मल प्लांट सपा ने शुरू किया था, उसमें काम किया गया होता तो वह तैयार हो जाता। एटा में भी दो हजार मेगावाट का प्लांट भी तैयार नहीं हुआ। मुख्यमंत्री नहीं चाहते हैं कि कारखाना लगे, नहीं तो लोगों को रोजगार देना होगा। 

अखिलेश यादव ने कहा कि तीन लाख रुपए का लोहिया आवास गरीबों को दिया था। ऐसा आवास दिया था, जिसमें बिजली का बिल नहीं देना पड़ता था। सपा की सरकार आएगी तो उससे भी अधिक धन देंगे। गरीबों को लिए भव्य आवास देंगे। सपा सरकार ने अपने कार्यकाल में आवास के साथ ही सड़क निर्माण का कार्य किया था। लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे 22 महीने में बनवा दिया था, जहां पर लड़ाकू बीमान उतरे थे। शुक्लागंज रोड हो या फिर ट्रांसगंगासिटी सभी सपा की देन है। 

प्रशासन की ओर से माल्यार्पण कार्यक्रम के लिए 50 लोगों की परमीशन मिली थी। अखिलेश का जिन-जिन स्थानों पर स्वागत हुआ, वहां संख्या 50 से 80 से बीच थी। करीब एक दर्जन जगह स्वागत किया गया। माल्यार्पण कार्यक्रम में भारी भीड़ थी। अखिलेश ने तीन बार कहा कि 50 लोगों की परमीशन है। 50 लोग तो मेरी सुरक्षा में आए हैं। 100 पुलिसकर्मियों को प्रशासन ने भेजा है। बाकी कार्यकर्ता और पत्रकार है। उन्होंने कहा कि वह कोविड नियम नहीं तोड़ रहे हैं। इशारा किया कि जिन लोगों ने परमीशन दिया है वही इस नियम को तोड़ने में पूरी तरह से लगे हैं। 

 

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