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लालू यादव के बाद अब सोनिया गाँधी के दामाद वाड्रा पर सीबीआई की नज़र

सोनिया गाँधी के दामाद रावर्ट वाड्रा के जमीन सम्बन्धी मामले में राजस्थान सरकार सख्त रुख अपनाने की तयारी में है  मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने वाड्रा की जमीन सम्बन्धी 18 एफआईआर को बेस बनाते हुए पूरे मामले की जाँच सीबीआई को सौपने के लिए केंद्र सरकार से अनुमति मांगी है  जिससे साफ होता है कि अब रावर्ट वाड्रा की मुश्किलें और बढ़ने वाली हैं। प्रदेश सरकार ने 18 एफआईआर की कॉपी सीबीआई को सौंप दी है।

राजस्थान सरकार के बीकानेर जमीन घोटाले से संबंधित मामलों की जांच सीबीआई को सौंपने के राजनीति मायने भी निकाले जा रहे हैं। इससे गांधीवाड्रा और कांग्रेस की मुसीबत बढ़ सकती है।गौरतलब है की  वाड्रा का नाता बीकानेर में 275 बीघा जमीन के गलत ढंग से आवंटन से रहा है।इस जमीन का एक हिस्सा वाड्रा की कंपनी ने खरीदा था।अब इस मामले में सरकार ने जांच सीबीआई से कराने की कार्रवाई पूरी कर ली गई है।

केंद्र को सिफारिशी पत्र लिखा

सीबीआई से जांच को लेकर प्रदेश सरकार ने केंद्रीय कार्मिक विभाग के सचिव को सिफारिशी पत्र भेजा है।हालांकि फिलहाल इस पूरे मामले को गोपनीय रखा गया है।करीब 3 साल पूर्व वसुंधरा सरकार ने इस मामले की जांच के लिए एक कमेटी का गठन किया था।इस कमेटी ने रॉबर्ट वाड्रा को मामले में निर्दोष बताया था।

मामला बीकानेर की कोलायत तहसील में फर्जी तरीके से 275 बीघा जमीन आवंटित कराने से जुड़ा है।इस जमीन को बाद में वाड्रा की कंपनी स्काईलाइट ने खरीदा था।छापेमारी में ईडी दिल्लीचंडीगढ़अहमदाबाद और जयपुर ऑफिस की टीमों ने हिस्सा लिया।40 अफसरों की सात टीमों ने एक साथ छापेमारी की।

टीमों ने कोलायत के गजनेरगोयलरी गांवों सहित कुल 7 जगहों पर तत्कालीन पटवारीगिरदावर और भूमाफिया से जुड़े लोगों के यहां छापेमारी की। इस मामले से जुड़े तत्कालीन हलका पटवारी सहित कई लोगों से पूछताछ की गई।बता दें कि विधानसभा और लोकसभा चुनाव के दौरान भी रॉबर्ट वाड्रा के जमीन घोटाले का मुद्दा खूब उठा था।राज्य सरकार आवंटियों के नामांतरण रद्द कर जमीन को अपने कब्जा ले चुकी है।

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