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राष्ट्रपति चुनाव में मेरा वोट द्रोपदी मुर्मू को जायेगा: शिवपाल सिंह यादव

अशाेक यादव, लखनऊ। उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की अगुवाई वाले विपक्ष के गठबंधन में राष्ट्रपति चुनाव के दौरान दरार सतह पर आ गयी है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के खिलाफ प्रसपा अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव तथा सुभासपा अध्यक्ष ओपी राजभर ने शनिवार को राजनीतिक अपरिपक्वता का आरोप लगाते हुए मोर्चा खोल दिया है।

शिवपाल ने एक बयान में राष्ट्रपति पद के लिये राजग उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को अपना वोट देने की बात खुले तौर पर कह दी है। वहीं, राजभर ने सुभासपा के विधायकों का वोट किसे दिया जायेगा, इसका फैसला 12 जुलाई को करने तथा 18 जुलाई को राष्ट्रपति पद के चुनाव के बाद सपा के साथ गठबंधन में रहने का फैसला करने की जानकारी दी है।

गौरतलब है कि शुक्रवार को मुर्मू के सम्मान में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से आयोजित रात्रिभोज में राजभर और शिवपाल के जाने के बाद से ही सियासी गलियारों में सपा गठबंधन के टूटने की चर्चा तेज हो गयी थी।

स्थिति को स्पष्ट करने के लिये शिवपाल ने शनिवार को एक बयान में कहा, “मैंने बहुत पहले कहा था कि जहां हमें बुलाया जाएगा, जो हमसे वोट मांगेगा, हम उसे वोट देंगे। इससे पहले भी राष्ट्रपति के चुनाव हुए थे, तो न तो हमें समाजवादी पार्टी ने बुलाया और न ही वोट मांगा। उस समय रामनाथ कोविंद जी ने वोट मांगा तो हमने उन्हें अपना वोट दे दिया।”

उन्होंने कहा, “कल मुझे मुख्यमंत्री योगी ने बुलाया तो मैं वहां गया। वहां द्रौपदी मुर्मू जी से मुलाकात हुई। मैं मुख्यमंत्री जी से मिला उन्होंने मुझसे अच्छे तरीके से बात की। हमें समाजवादी पार्टी की तरफ से कभी भी किसी मीटिंग में नहीं बुलाया गया। परसों भी यशवंत सिन्हा यहां थे, लेकिन हमें नहीं बुलाया गया। इसलिये राष्ट्रपति चुनाव में मेरा वोट द्रौपदी मुर्मू जी को जायेगा।”

उन्होंने सपा नेतृत्व में राजनीतिक अपरिपक्वता को इसकी वजह बताया। शिवपाल ने कहा, “राजनैतिक अपरिपक्वता की कमी होने के कारण ये सब होता चला जा रहा है और पार्टी कमजोर हो रही है। मैंने तो प्रसपा की सदस्यता छोड़कर सपा की सदस्यता ग्रहण की थी और चुनाव लड़ा था। जब मैं सपा का विधायक हूं तो हमसे भी राय लेनी चाहिए। अच्छे नेता पार्टी छोड़ रहे हैं, यह चिंताजनक है।”

इस बीच सभासपा की प्रदेश इकाई की समीक्षा बैठक के बाद राजभर ने अखिलेश पर तंज कसते हुए कहा है कि चुनाव में हार के बाद वह अभी भी भीषण गर्मी में सड़कों पर उतर कर जनता की आवाज उठा रहे हैं। जबकि दूसरे गठबंधन के साथी एसी कमरों से बाहर नहीं आ पा रहे हैं।

उन्होंने कहा, “आजमगढ़ के उपचुनाव में सुभासपा का कमांडर (राजभर) 45 डिग्री सेंटिग्रेड तापमान में सड़कों पर काम कर रहा था जबकि सपा का कमांडर पूरी तरह से नदारद था।”गौरतलब है कि गत मार्च में हुए विधानसभा चुनाव के बाद से ही राजभर और शिवपाल के सुर बदले हुए हैं।

 

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