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बेड एण्ड ब्रेकफास्ट और होम स्टे योजना के तहत पर्यटक ग्रामीण जीवन शैली तथा संस्कृति से होंगे परिचित

अनुपूरक न्यूज एजेंसी, लखनऊ: ग्रामीण संस्कृति को करीब से जानने के लिए राज्य सरकार पर्यटकों को गॉव तक ले जाने के लिए सुविधायें विकसित करने का निर्णय लिया है। पर्यटक गॉव में रूककर गॉव की संस्कृति और जीवनशैली से रूबरू होंगे। इससे ग्रामीणांे को आय के साधन भी प्राप्त होंगे। इसको दृष्टिगत रखते हुए गॉव में आने वाले पर्यटकों को धार्मिक और ऐतिहासिक पर्यटन के अलावा अन्य पर्यटन स्थलों का विकास कराया जा रहा है। पर्यटकों को ठहरने आदि की समस्या के समाधान के लिए होम-स्टे एवं रूरल पर्यटन पर फोकस किया जा रहा है। यह जानकारी प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने दी। उन्होंने बताया कि गॉव में आने वाला पर्यटक एक निश्चित राशि का भुगतान कर गॉव के चिन्हित मकान में ठहर सकता है। इसके लिए पर्यटन विभाग द्वारा गॉव को चिन्हित किया गया है। इसके लिए पर्यटन मंत्रालय की वेबसाइट पर पर्यटकों को वेड एवं ब्रेकफास्ट होम स्टे योजना के तहत आवेदन करना होगा।

जयवीर सिंह ने बताया कि राज्य सरकार पर्यटन के क्षेत्र में बहुत तेजी से कार्य कर रही है। इसका मुख्य उद्देश्य होम स्टे के माध्यम से बड़ी आबादी को रोजगार मुहैया कराना है। पर्यटक इस योजना के तहत गॉव के लोगों के रहन सहन, जीवन शैली, खान-पान तथा मान्यतायें एवं प्रथाओं आदि के बारे में जान सकेंगे। होम स्टे के लिए चिन्हित मकानों को गोल्ड और सिल्वर दो श्रेणी में बांटा गया है। योजना के तहत कम से कम एक रूम और अधिक से अधिक छः रूम दिये जा सकते हैं। मैदानी इलाके में 120 स्क्वायरफिट तथा पहाड़ी इलाके में 100 स्क्वायरफिट का रूम होना चाहिए। इसके अलावा अन्य जानकारी के लिए वेबसाइट पर पता किया जा सकता है। पर्यटन मंत्री ने बताया कि पर्यटन विभाग का प्रयास है कि उ0प्र0 पर्यटकों की पहली पसंद बने। इसलिए रूरल एग्री टूरिज्म पर कार्य किया जा रहा है। इसके साथ ही पर्यटकों की सुविधाओं पर विशेष फोकस किया जा रहा है। बेड एण्ड ब्रेकफास्ट और होम स्टे योजना से पर्यटकों को आसानी से आवास की सुविधा उपलब्ध होगी। साथ ही ग्रामीण जीवन का आनन्द भी प्राप्त होगा।

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