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बेटी ने पूरा किया माँ का सपना , एयरहोस्टेस मां चाहती थीं कि उनकी फेयरवेल फ्लाइट में बेटी ही पायलट बने

लखनऊ : एयर इंडिया की चालक दल की सदस्य के रूप में 38 साल काम करने के बाद आज अपनी आखिरी उड़ान पूरी करने के बाद पूजा चिंचन्कर अपने आंसू रोक नहीं पायीं। आज मुंबई से बेंगलुरू के बीच आखिरी उड़ान के साथ पूजा सेवानिवृत्त हो गयीं। पूजा के लिए यात्रियों ने जमकर तालियां बजायीं और उनका उत्साहवर्धन किया। उड़ान के दौरान घोषणा में पूजा की सेवा के लिए उनका आभार भी जताया गया। लेकिन पूजा के लिए यह विदाई और भी यादगार बन गयी क्योंकि उनकी इस आखिरी उड़ान का जिम्मा उनकी ही बेटी अशरिता ने संभाला था। अशरिता एयर इंडिया की पायलट हैं।

एक मां के लिए उसके बच्‍चे दुनिया का सबसे महंगा और बड़ा तोहफा हुआ करते हैं। इसी तरह से बच्‍चों के लिए भी मां के मायने बेहद अलग होते हैं। भावनात्‍मक रूप से ये दोनों बेहद करीब होते हैं। शायद यही वजह है कि जब कभी हमें चोट लगती है तो मुंह से यकायक निकल पड़ता है उई मां। यह सिर्फ इत्‍तफाक नहीं हो सकता है। न ही ये किसी एक इंसान की बात है। ये हम सभी पर लागू होती है। यही वजह है कि जब कभी मौका मिलता है अपनी मां के लिए कुछ करने का तो कदम पीछे खींच पाना बेहद मुश्किल होता है। ये होना भी नहीं चाहिए।

अशरिता कल से ही इस उड़ान के बारे में ट्विटर पर लिख रहीं थीं। उनके ट्वीट वायरल हो गए और लोगों ने मां-बेटी दोनों के लिए ही प्यार भरे और सद्भावनापूर्ण संदेश लिखे। अशरिता ने लिखा, ‘‘मेरी मां का सपना था कि एयर होस्टेस के रूप में उनकी आखिरी उड़ान की पायलट मैं बनूं। 38 सालों की गौरवशाली सेवा के बाद जब वह सेवानिवृत्त होंगी, मैं उनकी विरासत को आगे बढ़ाऊंगी।’’

एयर इंडिया के एक प्रवक्ता ने कहा कि यह संयोग था कि अशरिता वह विमान उड़ा रही थी जो उनकी मां की विदाई उड़ान थी। एयरलाइन ने अशरिता के लिए ट्विटर पर लिखा, ‘‘इस खास उड़ान के लिए आपको और आपकी मां दोनों को हमारी दिल से शुभकामनाएं। वह उड़ान जब आपकी मां हमारे यात्रियों की पूरे समर्पण के साथ सेवा का सौभाग्य आगे आपके हाथों में सौंपेंगी। विरासत बनी रहेगी।’’

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