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बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे का शिलान्यास पीएम नरेंद्र मोदी ने फरवरी 2020 में चित्रकूट जनपद के भरतकूप से किया था।

अशाेक यादव, लखनऊ। उत्तर प्रदेश की जनता को एक और एक्सप्रेस-वे की सौगात मिलने जा रही है। पीएम नरेंद्र मोदी 12 जुलाई को चित्रकूट से इटावा को जोड़ने वाले बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे का लोकार्पण करेंगे। पीएम जालौन जिले के कैठारी गांव में आयोजित एक कार्यक्रम में इस 296 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन करेंगे और फिर एक जनसभा को संबोधित करेंगे। अवनीश अवस्थी ने कहा कि बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे का निर्माण कार्य पूरा हो गया है और कुछ छोटे-छोटे काम 10 जुलाई से पहले पूरे कर लिए जाएंगे।

296 किलोमीटर का एक्सेस नियंत्रित ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे चित्रकूट जिले में भरतकूप के पास से शुरू होता है और इटावा जिले के कुदरैल गांव के पास आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे के साथ मिल जाता है। एक्सप्रेसवे चित्रकूट, बांदा, महोबा, हमीरपुर, जालौन, औरैया और इटावा जिले से होकर गुजरेगा। इसमें चार रेलवे ओवर ब्रिज, 14 बड़े पुल, 266 छोटे पुल, 18 फ्लाईओवर, छह टोल प्लाजा और 7 रैंप प्लाजा हैं।

बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे का शिलान्यास पीएम मोदी ने 29 फरवरी 2020 को किया था। ये 296 किलोमीटर लंबा एक्सप्रेस-वे महज 28 महीनों में ही बनकर तैयार हो गया। जब बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे का शिलान्यास किया गया था, तब 36 महीनों में इसे पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था लेकिन इसका निर्माण तय समय से पहले पूरा कर लिया गया। इस एक्सप्रेस-वे के निर्माण में 1,132 करोड़ रुपये की बचत की गई है। अभी चार लेन में बने बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे को आगे चलकर छह लेन तक बढ़ाने की योजना है।

बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे का शिलान्यास पीएम नरेंद्र मोदी ने फरवरी 2020 में चित्रकूट जनपद के भरतकूप से किया था। बोर्ड बैठक में बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे परियोजना में चेंज ऑफ स्कोप के तहत करवाए जा रहे कार्यों के लिए बोर्ड ने मंजूरी मिली। उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (UPEIDA) के सीईओ अवनीश कुमार अवस्थी की अध्यक्षता में हुई यूपीडा की 75वीं बोर्ड बैठक में इसकी जानकारी दी गई। बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे का काम तकरीबन पूरा हो गया है। अब प्रधानमंत्री इसका लोकार्पण करेंगे।

एक्सप्रेसवे के निर्माण से बुंदेलखंड क्षेत्र को आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे और यमुना एक्सप्रेसवे के जरिए तेज और सुगम यातायात कॉरिडोर से जोड़ा जाएगा। बुंदेलखंड क्षेत्र के विकास की राह विकसित होगी। एक्सप्रेसवे के नियंत्रित होने से ईंधन की खपत में महत्वपूर्ण बचत और प्रदूषण पर नियंत्रण भी संभव होगा। परियोजना के अंतर्गत आने वाला क्षेत्र आर्थिक और सामाजिक रूप से विकसित होगा साथ ही कृषि, वाणिज्य, पर्यटन और औद्योगिक आय में भी वृद्धि होगी।

विभिन्न निर्माण इकाइयों, विकास केंद्रों और कृषि उत्पादक क्षेत्रों को राष्ट्रीय राजधानी से जोड़ने के लिए, एक्सप्रेसवे के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों में स्थापित, एक औद्योगिक गलियारा विकसित किया जाएगा जो क्षेत्र के ओमनी दिशात्मक विकास में सहायता करेगा। एक्सप्रेसवे के समीप औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान, शिक्षण एवं प्रशिक्षण संस्थान एवं चिकित्सा संस्थान आदि की स्थापना के भी अवसर प्राप्त होंगे। एक्सप्रेसवे हथकरघा उद्योग, खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों, भंडारण, बाजार और दूध आधारित उद्योगों की स्थापना के लिए उत्प्रेरक का काम करेगा।

इटावा जिले में यमुना एक्सप्रेसवे पर कुदरैल गांव से शुरू होकर यह बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे चित्रकूट के भरतकूप तक जाएगा। बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे से चित्रकूट, बांदा, महोबा, हमीरपुर, जालौन, ओरैया और इटावा जिलों को लाभ मिलेगा। बुंदेलखंड का जुड़ाव यमुना एक्सप्रेस-वे, पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे से होगा। 14849.09 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाला यह एक्सप्रेसवे अति पिछड़े बुंदेलखंड के पूरे इलाके को सड़क मार्ग के जरिए राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से जोड़ेगा। दूसरे जिलों तक पहुंच आसान होगी।

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