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बिहार के कबीना मंत्री सुरेश शर्मा एवं सुरक्षा कर्मियों की पश्चिम बंगाल के बीरभूमि जिले में मंदिर नगरी तारापीठ में कथित तौर से पिटायी हुई

पटना: पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में मंदिर नगरी तारापीठ के एक होटल के कर्मचारियों ने बिहार सरकार के शहरी विकास एवं आवास मंत्री सुरेश शर्मा, उनके समर्थकों तथा सुरक्षा कर्मियों की कथित तौर पर पिटायी की। घटना होटल सोनार बंगला में हुई.  मिली जानकारी के अनुसार बिहार के कबीना मंत्री सुरेश शर्मा अपने समर्थकों एवं सुरक्षा कर्मियों के साथ तारापीठ दर्शन और पूजन के लिए गए थे. शर्मा ने तारापीठ थाने को पिटाई किए जाने की सूचना दी है. सुरेश शर्मा मुजफ्फरपुर के बीजेपी विधायक हैं. मंत्री के आरोप का होटल के अधिकारियों ने खंडन किया है.

बताया जाता है कि शर्मा की पिटाई पर तारापीठ में जमकर हंगामा हुआ. उनकी गाड़ी छुड़ा ली गई और उनके कई समर्थकों और स्टाफ को रोके रखा गया है. शर्मा किसी तरह भागकर पुलिस थाने पहुंचे. बताया जा रहा है कि सुरेश शर्मा दर्शन के बाद सबसे बड़े होटल सोनार बंगला में ठहरने के लिए पहुंचे. वहां उनके नाम का कमरा पहले से बुक था. बुकिंग एयरकंडीशन कमरे की थी. वहां झगड़ा इस बात को लेकर शुरू हुआ कि मौसम जब ठंडा है तो एयरकंडीशन कमरे का पैसा क्यों दें.

होटल मैनजमेंट एयरकंडीशन कमरे का पैसा लेना चाहता था, जबकि मंत्री यह पैसा नहीं देना चाहते थे. इस बात पर विवाद बढ़ गया. इसी दौरान सुरेश शर्मा के साथ मौजूद सिक्यूरिटी गार्ड ने होटल के रिसेप्शन पर बैठे व्यक्ति को पीट दिया. इसके बाद बवाल शुरू हो गया. होटल का सारा स्टाफ जुट गया. इसके बाद मंत्री व उनके सारे समर्थकों को खदेड़-खदेड़ कर पीटा जाने लगा. जिसके हाथ में जो आया, होटल वाले उसे लेकर दौड़ पड़े.

घटना के बाद बीरभूम जिले के एसपी ने कहा कि मंत्री के लोगों ने होटल सोनार बंगला के स्‍टाफ के साथ पहले दुर्व्यवहार किया, फिर मामला बिगड़ गया. उन्‍होंने कहा कि मंत्री के गार्ड और समर्थकों ने मारपीट के बाद होटल के स्‍टाफ को गोली मार देने की धमकी दी थी. होटल सोनार बंगला के भीतर लगे सीसीटीवी फुटेज की जांच की गई है. मंत्री की शिकायत की भी जांच की जा रही है.

मंत्री के निजी सचिव एस कुमार ने बताया कि सुरेश शर्मा के साथ कथित तौर पर बदसलूकी की गई और उनके लोगों पर हमला किया गया जब उन्होंने बुकिंग राशि को रिफंड करने की मांग की. उन्होंने बताया, ‘‘हमने दो कमरे ऑनलाइन बुक किए थे. हालांकि, दोपहर में वहां पहुंचने के बाद हमने पाया कि कमरे मंत्री के लिए उपयुक्त नहीं थे.’’ उन्होंने बताया कि होटल से वैकल्पिक व्यवस्था करने को कहा गया लेकिन उन्होंने मंत्री के साथ गाली-गलौज की.

कुमार ने दावा किया कि ‘‘हमने होटल छोड़ने और बुकिंग राशि को रिफंड करने की मांग की, लेकिन उन्होंने मना कर दिया और कर्मचारियों ने हम पर हमला किया.’’ उन्होंने बताया, ‘‘मंत्री के सुरक्षा कर्मियों ने उन्हें बचाया और हमें होटल छोड़ने को बाध्य किया गया.’’ होटल के प्रबंधक सुनील गिरी ने हालांकि आरोपों का खंडन किया है.

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