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बाबा राम रहीम पर फैसला आज, सुरक्षा चुस्त

चंडीगढ़। साध्वी यौन शोषण मामले में सीबीआई कोर्ट आज फैसला सुनाएगी। फैसले के पहले लाखों डेरा समर्थक पंचकूला में एकत्रित हो गए हैं। स्थिति को देखते हुए हरियाणा, पंजाब और चंडीगढ़ में सुरक्षा के भारी इंतजाम किए गए हैं। इंटरनेट और मोबाइल सेवाएं बंद हैं और हर जगह पुलिस तैनात है।

 

स्पेशल फोर्सेस के 15 हजार जवानों को लगाया गया है। इसके अलावा सेना को रिजर्व में रखा गया है। सेना ने डेरा समर्थकों को खदेड़ने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। अनुयायियों को पंचकूला शहर खाली करने को कहा गया है। वहीं डेरा प्रमुख ने एक वीडियो संदेश जारी करते हुए समर्थकों से अपील की है कि वो शांति बनाए रखें और अपने-अपने घरों को लौट जाएं।

हरियाणा के सिरसा में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगा दिया गया है। पंचकूला और सिरसा में सेना बुला ली गई है। यहां डेरा समर्थक भी भारी तादाद में पहुंचे हुए हैं। पंजाब और हरियाणा में शुक्रवार को स्कूल और कॉलेज बंद रहेंगे। साथ ही चंडीगढ़ में सभी सरकारी दफ्तर बंद रहेंगे।

पंजाब सरकार ने हरियाणा के अलावा राजस्थान की सीमा भी सील करने के आदेश दिए हैं। केंद्र ने हालात से निपटने के लिए पंजाब को अर्द्धसैनिक बलों की 10 और कंपनियां दी हैं। हरियाणा में अर्द्धसैनिक बलों की 50 से अधिक कंपनियों ने मोर्चा संभाल लिया है। उत्तर रेलवे ने हरियाणा जाने वाली ट्रेनों में सुरक्षा बढ़ाने के साथ ही कई टे्रनें निरस्त करने का फैसला किया है। गुरुवार को भी कई ट्रेनें नहीं चलाई गईं। शुक्रवार व शनिवार को भी अधिकांश ट्रेनें नहीं चलेंगी।

यह है मामला

गुमनाम पत्र में लगाए गए थे संगीन आरोप

गुमनाम पत्र के माध्यम से एक साध्वी ने डेरा प्रमुख गुरमीत सिंह राम रहीम पर यौन शोषण सहित कई अन्य संगीन आरोप लगाए थे। यह पत्र तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को लिखा गया था। साथ ही इसकी प्रति पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट को भेजी गई थी। पत्र में आरोप लगाए गए थे कि पीड़िता पंजाब की रहने वाली है और सिरसा के डेरा सच्चा सौदा में 5 साल से एक साध्वी के रूप में रह रही है।

आरोप लगाया गया कि साध्वियों का शोषण किया जा रहा है। अपनी आपबीती भी बताई गई थी, जिसमें डेरामुखी गुरमीत राम रहीम पर यौन शोषण के आरोप लगे थे। घटना 1999 की है और पत्र 2001 में लिखा गया। प्राथमिकी 2002 में दर्ज की गई। तब उच्च न्यायालय ने पत्र का संज्ञान लेते हुए सितंबर 2002 को मामले की सीबीआइ जांच के आदेश दिए थे। सीबीआइ ने जांच में उक्त तथ्यों को सही पाया और डेरा प्रमुख के खिलाफ विशेष अदालत के समक्ष 31 जुलाई 2007 में आरोप पत्र दाखिल कर दिया।

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