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नगरीय निकाय चुनाव में भाजपा द्वारा प्रशासनिक तंत्र का खुला दुरूपयोग : समाजवादी पार्टी

लखनऊ- समाजवादी पार्टी ने कहा है कि नगरीय निकाय चुनाव में भाजपा प्रशासनिक तंत्र का खुला दुरूपयोग कर रही है। मंत्रीगण जिलों में दौरे कर चुनाव परिणामों को प्रभावित करने में लगे हैं। भाजपा के नेता आदर्श आचार संहिता की धज्जियां उड़ा रहे हैं। भाजपा के इशारे पर प्रशासनिक तंत्र का दुरूपयोग किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि भाजपा प्रदेश सरकार के आठ महीने के कार्यकाल में कोई काम नही हुआ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री जी जिन विकास योजनाओं का उद्घाटन कर रहे है ये सभी समाजवादी सरकार की देन है। जनता को अखिलेश यादव के मुख्यमंत्रित्वकाल में किये गए कार्य जमींन पर दिखते हैं।राजेन्द्र चौधरी ने कहा कि समाजवादी पार्टी जनता के हित की राजनीति करती है इसलिए राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने निकाय चुनाव की जिम्मेदारी पार्टी कार्यकर्ताओं के कंधो पर दी है। बावजूद इसके भाजपा डरी हुई है। जहां एक ओर समाजवादी पार्टी के नेता और कार्यकर्ताओं अखिलेश यादव की नीतियों के बलबूते जनता का विश्वास हासिल कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर भाजपा का अपने कार्यकर्ताओं एवं जनता पर विश्वास ही नही रह गया इसलिये प्रदेश सरकार का पूरा शीर्ष नेतृत्व चुनाव को सत्ता के दुरूपयोग से अपने पक्ष में करने में लगा हुआ है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में हो रहे निकाय चुनाव में भाजपा में खलबली मची है। भाजपा अखिलेश यादव की लोकप्रियता से हताश और परेशान है जो प्रदेश सरकार के मंत्रियों और भाजपा नेताओं के ऊल जलूल बयानों में दिखता है।
उन्होंने कहा कि निकाय स्तर के चुनाव में जिस प्रकार सत्ता मशीनरी का एवं पद का दुरूपयोग किया जा रहा है यह लोकतंत्र के लिये शुभ नहीं है। भाजपा को यह ध्यान रखना चाहिए कि स्वस्थ लोकतंत्र के लिये चुनावों का क्रियान्वयन निष्पक्ष और ईमानदारी से होना चाहिए। राज्य सरकार को चुनाव की गरिमा को भंग करने का कोई भी कृत्य नहीं करना चाहिए क्योंकि लोकतंत्र में जनता ही असल ताकत है। उसे लम्बे समय तक गुमराह नहीं किया जा सकता। अखिलेश यादव की समाजवादी सरकार में उत्तर प्रदेश को समृद्धिशाली बनाने के लिये किये गये काम दिखते हैं तब भाजपा बिना कोई काम शुरू किये किस बूते चुनाव में मतदाताओं का सामना करने का दुष्साहस कर रही है। भाजपा अखिलेश यादव के व्यक्तित्व और उनकी कार्यशैली के मुकाबले कहीं भी खड़ी होने लायक नहीं है।
एक तो अभी तक भाजपा ने अपने आठ माह के शासन काल में जनहित में कोई कदम नहीं उठाया बल्कि जो विकास अखिलेश यादव ने किए उनकी या तो जांच के बहाने उसे बदनाम किया जा रहा है अथवा विकास ही अवरूद्ध कर दिया है। यह स्थिति रागद्वेष से ग्रस्त है। जो सरकारें बदले की भावना से प्रेरित होती है वह कभी भी जनहित में व्यापक विकास कार्य नहीं कर सकती है।
श्री चौधरी ने कहा कि पहले चरण के चुनाव में प्रदेश के कई जिलों से ईवीएम मशीन को लेकर शिकायतें आ रही हंै। इस सन्दर्भ में चुनाव आयोग को भी इस संज्ञान में जानकारी देने का काम किया गया है। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी चुनाव आयोग से जानना चाहती है कि वीवीपैट की व्यवस्था क्यों नहीं की गयी। जब ईवीएम को लेकर पर्याप्त तैयारी नहीं थी तब बैलेट पेपर से चुनाव क्यों नहीं कराया जा रहा ?
श्री चौधरी ने कहा कि समाजवादी पार्टी की ओर से राज्य निर्वाचन आयुक्त उत्तर प्रदेश को एक पत्र भी प्रेषित किया गया है, जिसमें नगरीय निकाय निर्वाचन भाजपा के मंत्रीगणों द्वारा अधिकारियों को दबाव में लेने सहित मतदाताओं को प्रलोभन दिये जाने की शिकायत की गयी है। यह भी मांग की गई है कि राज्य निर्वाचन आयुक्त को निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए आदर्श आचार संहिता के अनुपालन की व्यवस्था करानी चाहिए।

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