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ज्ञानवापी केस में सुप्रीम कोर्ट का बड़ा आदेश, पूरा मामला जिला कोर्ट को ट्रांसफर

नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को ज्ञानवापी मस्जिद मामले में हिंदू श्रद्धालुओं द्वारा दायर दिवानी वाद की सुनवाई वाराणसी के दिवानी न्यायाधीश (सीनियर डिवीजन) के पास से जिला न्यायाधीश (वाराणसी) को स्थानांतरित कर दी। न्यायालय ने कहा कि मामले की जटिलता और संवेदनशीलता को देखते हुए बेहतर होगा कि एक वरिष्ठ न्यायिक अधिकारी इसे देखे।

न्यायमूर्ति डी.वाई. चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति सूर्य कांत और न्यायमूर्ति पी.एस. नरसिम्ह की पीठ ने कहा कि वह दिवानी न्यायाधीश (सीनियर डिवीजन) पर कोई आक्षेप नहीं लगा रही है, जो पहले से मुकदमे पर सुनवाई कर रहे थे। सर्वोच्च न्यायालय ने जिला न्यायाधीश को सीपीसी के आदेश 7 के नियम 11 के तहत, मस्जिद समिति द्वारा दायर आवेदन पर पहले फैसला करने का निर्देश दिया है।

अदालत ने कहा कि संसद के एक कानून के अनुसार निषेध संबंधी वाद पर दिवानी न्यायाधीश (सीनियर डिवीजन) की तरफ से कागजात के हस्तांतरण के बाद फैसला किया जाना चाहिये। शीर्ष अदालत ने कहा कि 17 मई के उसके पिछले अंतरिम आदेश में उस क्षेत्र की सुरक्षा का निर्देश दिया गया हैं जहां ‘शिवलिंग’ पाया गया है।

अदालत ने कहा कि मुसलमानों को मस्जिद परिसर में ‘नमाज’ अदा करने की अनुमति तब तक लागू रहेगी जब तक कि जिला न्यायाधीश वाद पर कोई फैसला नहीं ले लेते। इसके बाद संबंधित पक्षों को उच्च न्यायालय का रुख करने के लिये आठ सप्ताह का समय दिया जाएगा। पीठ ने जिला मजिस्ट्रेट को विवाद में शामिल पक्षों के साथ परामर्श कर मस्जिद में नमाज अदा करने के लिए आने वाले मुसलमानों के लिए ‘वजू’ की पर्याप्त व्यवस्था करने का भी निर्देश दिया।

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