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12 साल पहले शेयर बाजार में आई थी ऐसी गिरावट, छोटे निवेशकों को कहां लगाना चाहिए पैसा

लखनऊ: कोविड-19 की वजह से शेयर बाजार में भारी गिरावट जारी है। निफ्टी 50 अपने 12430 के लेवल से गिरकर 7511 पर आ चुका है। पिछले तीन महीने के दौरान निफ्टी 50 में 39 फीसदी की गिरावट आ चुकी है।

इसके बाद शेयर बाजार में तेजी भी नजर आई। उम्मीद है कि यह तेजी अगले एक-दो हफ्ते तक जारी रह सकती है। हालांकि मुमकिन है कि इसके बाद फिर शेयर बाजार में गिरावट आ सकती है।

लिहाजा रिटेल निवेशकों को सोच-समझकर बाजार में दाखिल होना चाहिए। पिछले कुछ महीनों की गिरावट के बाद लॉन्ग टर्म रिटर्न पर जो चोट पड़ी है, इस रैली का इस्तेमाल उसे कम करने में करना चाहिए।

ऐसे में सवाल ये है कि छोटे निवेशकों को कहां पैसा लगाना चाहिए। मौजूदा माहौल में ट्रैवल-टूरिज्म, होटल, एविएशन जैसी कंपनियों के शेयरों पर काफी दबाव है।

हालांकि कुछ सेक्टर ऐसे हैं जिसमें रिकवरी जल्दी आ सकती है और कुछ कैश रिच कंपनियां है जिनमें निवेश करना बेहतर विकल्प हो सकता है। मसलन, IT कंपनियों, फार्मा और FMCG जैसी कंपनियों के शेयरों पर कम दबाव है।

निवेश के लिहाज से रिटेल सेक्टर भी सही विकल्प साबित हो सकता है। 21 दिनों का लॉकडाउन खत्म होने के बाद जिन सेक्टर्स में सबसे पहले तेजी आएगी उसमें रिटेल सेक्टर भी शामिल है।

अभी बैंकिंग सेक्टर पर सबसे ज्यादा दबाव है। बैंकों पर NPA का बोझ है जिसकी वजह से इनके शेयरों में तेजी आने में वक्त लगेगा। बैंकिंग सेक्टर के अलावा, ट्रैवल-टूरिज्म, होटल और एविएशन सेक्टर की रिकवरी में भी वक्त लगेगा।

इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर भी लॉकडाउन की वजह से मुश्किल में हैं। इस सेक्टर की कंपनियां पहले ही भारी कर्ज में हैं। ऊपर से लॉकडाउन। इसकी वजह से इनपर दोहरी मार पड़ी है।

लॉकडाउन के कारण अभी इनका काम बंद है और ज्यादातर मजदूर पलायन कर चुके हैं जिसकी वजह से काम दोबारा शुरू होने में वक्त लग सकता है। ऐसे में लॉकडाउन हटने के बाद भी इन कंपनियों की रिकवरी में वक्त लग सकता है।

ऐसे में छोटे निवेशकों को उन्हीं कंपनियों के शेयरों में निवेश करना चाहिए जो कैश रिच हैं। हालात सुधरने के बाद इन कंपनियों के रिटर्न में सबसे पहले तेजी आ सकती है।

पिछले कुछ महीनों से बाजार में लगातार करेक्शन है। मुमकिन है कि बाजार में आगे भी गिरावट आ सकती है। बाजार के इस करेक्शन का फायदा उठाते हुए लॉन्ग टर्म के लिए निवेश कर सकते हैं। बाजार में इस तरह का करेक्शन 12 साल बाद आया है। इससे पहले ऐसा करेक्शन 2008 में देखा गया था।

छोटे निवेशकों को बाजार में गिरावट की चिंता नहीं करनी चाहिए बल्कि इस मौके का फायदा उठाते हुए अच्छी ब्लूचिप कंपनियों में पैसा लगाना चाहिए जो अगले दो-तीन साल में अच्छा रिटर्न दें।

हमें यह समझना चाहिए कि सरकारी बैंक अपना बहीखाता दुरुस्त करने की तमाम कोशिश कर रहे हैं। RBI ने भी अपनी तरफ से सपोर्ट देने के लिए रेपो रेट में बढ़ी कटौती कर दी है। RBI ने रेपो रेट में 0.75 फीसदी की कटौती करके उसे 4.40 फीसदी कर दिया है।

इसके साथ ही सरकार ने भी लॉकडाउन के दौरान गरीबों के लिए कुछ आर्थिक ऐलान किए हैं। इससे गरीबों की जेब में 78,000 करोड़ रुपए पहुंचेंगे। इससे ग्रामीण इलाकों में उपभोग बढ़ेगा।

बाजार में गिरावट की सबसे बड़ी वजह कोरोनावायरस का संक्रमण रहा है। लिहाजा अब देखना है कि अगले कुछ हफ्तों में कोरोनावायरस संक्रमण का आंकड़ा कैसा रहता है। भारतीय शेयर बाजार के लिए यह काफी अहम है। अगर संक्रमण के मामले कम आते हैं तो मार्केट की रैली टिक सकती है।

ऐसे माहौल में निवेशकों को किसी खास शेयर की क्वालिटी देखकर ही उसमें निवेश करना चाहिए। जैसे पैकेज्ड फूड की डिमांड इन दिनों ज्यादा है। लिहाजा, नेस्ले, हिंदुस्तान यूनिलीवर, ब्रिटानिया जैसी कंपनियां निवेश के लिहाज से बेहतर हैं।

नेस्ले और हिंदुस्तान यूनिलीवर के शेयर इस कमजोर बाजार में भी अपने ऑल टाइम हाई के करीब है।

यहां तक डाबर जैसी FMCG कंपनियां भी कमजोर बाजार में बेहतर प्रदर्शन करती हैं। IT कंपनियां भी फिलहाल कम जोखिम में है। लिहाजा अगर कोई निवेशक अभी बाजार में पैसा लगाना चाहता है तो वह इन कंपनियों के शेयरों पर फोकस कर सकता है।

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