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हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के सम्पर्क में आये दो दारोगा और एक सिपाही को कॉल डिटेल के आधार पर किया गया सस्पेंड

अशाेेेक यादव, लखनऊ। कानपुर में चौबेपुर थाने के बिकरु गांव में गुरुवार को हुई मुठभेड़ में आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे। जिसमें अहम खुलासा हुआ है। हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के सम्पर्क में आये दो दारोगा और एक सिपाही को कॉल डिटेल के आधार पर सस्पेंड कर दिया गया है।

एसएसपी दिनेश कुमार ने कार्रवाई करते हुए ड्यूटी में लापरवाही बरते जाने के कारण थाना चौबेपुर में नियुक्त उप निरीक्षक कुंवर पाल सिंह, उप निरीक्षक कृष्ण कुमार शर्मा और सिपाही राजीव को निलंबित किया गया है। वहीं इससे पहले एसओ विनय तिवारी को सस्पेंड किया जा चुका है।

आईजी रेंज मोहित अग्रवाल ने रविवार को कहा था कि चौबेपुर थाना शक के घेरे में है। जांच कराई जा रही है। धारा 307 के तहत कार्रवाई की जाएगी। वहीं रविवार को विकास दुबे का करीबी दयाशंकर अग्निहोत्री पकड़ा गया था।

उसने कबूल किया था कि विकास दुबे ने ही पुलिसवालों पर गोली चलाई थी। दयाशंकर ने बताया था कि रेड की खबर विकास को थाने से पता चली थी। जिसके बाद विकास ने 25-30 लोगों को बुलाया था। यह सभी लोग हथियारों से लैस थे।

खुलासा होने के बाद एसएसपी ने उन पुलिसकर्मियों की तलाश शुरू कर दी थी। जो विकास दुबे के संपर्क में थे। चौबेपुर पुलिस थाने के सभी पुलिसकर्मियों के कॉल डिटेल खंगाले गए। कॉल डिटेल खंगालने के दौरान खुलासा हुआ कि चौबपुर के तीन पुलिसकर्मी विकास दुबे के संपर्क में थे।

बता दें कि हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे को इस बात की जानकारी थी कि पुलिस की टीमें दबिश देने के लिए आ रही हैं। विकास ने अपने साथियों के साथ मिलकर पुलिस पर हमले का प्लान तैयार कर लिया था। विकास को पुलिस के हर मूवमेंट की जानकारी मिल रही थी। वहीं मोस्ट वांडेट विकास दुबे अभी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है।

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