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रक्षा मंत्रालय ने सीमावर्ती क्षेत्रों में 75 ‘बीआरओ कैफे’ को दी मंजूरी

नई दिल्ली। रक्षा मंत्रालय ने सुदूर सीमावर्ती क्षेत्रों में सड़कों का जाल बिछाने के बाद अब वहां आने जाने वाले लोगों के लिए चाय पानी की सुविधा की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए 75 स्थानों पर सड़क किनारे‘ बीआरओ कैफे’ की स्थापना को मंजूरी दे दी है । रक्षा मंत्रालय ने बुधवार को यहां बताया कि सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के साथ 12 राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों में सड़कों के विभिन्न खंडों पर 75 स्थानों पर सड़क किनारे ‘बाआरओ कैफे’ सुविधाओं की स्थापना को स्वीकृति दी है।

इनका उद्देश्य पर्यटकों को बुनियादी सुविधाएं और सुख-साधन प्रदान करना तथा स्थानीय लोगों के लिए रोजगार सृजन के अलावा सीमावर्ती क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देना है। बीआरओ की पहुंच सुदूर के सीमावर्ती क्षेत्रों में है और रणनीतिक जरूरतों को पूरा करने के अलावा, यह उत्तरी और पूर्वी सीमाओं के सामाजिक-आर्थिक उत्थान में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। इसके परिणाम स्वरूप इन खूबसूरत जगह पर पर्यटकों की संख्या में वृद्धि हुई है।

प्रतिकूल जलवायु और भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए इन सड़कों पर पर्यटकों के अनुकूल और सुविधाजनक आवागमन के लिए, इन क्षेत्रों में प्रमुख पर्यटक स्थलों तथा सर्किटों के साथ बहु-उपयोगी सड़क के किनारे इन सुविधाओं को स्थापित करने की आवश्यकता को समझा गया था। इन सड़कों के दुर्गम और बहुत दूर होने के कारण वहां व्यापक वाणिज्यिक गतिविधि कठिन है, इसलिए बीआरओ ने दूरदराज के स्थानों पर ये सुविधाएं शुरू करने की जिम्मेदारी ली है।

इस योजना में लाइसेंस के आधार पर एजेंसियों के साथ सार्वजनिक निजी भागीदारी प्रणाली में सड़क किनारे सुविधाओं के विकास और संचालन का प्रावधान है। एजेंसियां बीआरओ के दिशानिर्देशों के अनुसार इन सुविधाओं का डिजाइन, निर्माण और संचालन करेंगी। दो और चार पहिया वाहनों के लिए पार्किंग, फूड प्लाजा,रेस्तरां, पुरुषों, महिलाओं और दिव्यांगों के लिए अलग-अलग विश्राम कक्ष, प्राथमिक चिकित्सा सुविधाएं,एमआई रूम आदि जैसी सुविधाएं प्रदान करने का प्रस्ताव है।

लाइसेंसधारियों का चयन प्रतिस्पर्धी प्रक्रिया के माध्यम से किया जाएगा। समझौते की शर्तें 15 वर्ष तक लागू रहेंगी, जिन्हें पांच साल तक की अवधि के लिए बढ़ाया जा सकता है। मंत्रालय ने बताया है कि जिन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में ‘बीआरओ कैफे’ बनाए जाएंगे उनमें अरुणाचल प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, असम, मणिपुर, नागालैंड, पंजाब, राजस्थान, सिक्किम, पश्चिम बंगाल और उत्तराखंड शामिल हैं।

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