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मोदी वह ‘दुर्जेय शत्रु’ हैं जो अपने विरोधियों को कुचल देते हैं, जनता का मिलेगा समर्थन तो वापस भेजेंगे आरएसएस मुख्यालय- राहुल

अशाेक यादव, लखनऊ। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक ऐसा ‘दुर्जेय शत्रु’ बताया, जो अपने विरोधियों को ‘कुचल’ देता है। इसके साथ ही राहुल गांधी ने प्रेम और अहिंसा के मार्ग पर चलकर मोदी को राजनीतिक गुमनामी में भेजने का संकल्प लिया।

छह अप्रैल को होने वाले तमिलनाडु विधानसभा चुनाव के लिए राज्य के दौरे के दूसरे चरण के दूसरे दिन दक्षिणी तमिलनाडु का दौरा करते हुए सेंट जेवियर कॉलेज में ‘एजुकेटर्स मीट’ नामक एक परिचर्चा की। इस दौरान यह भी कहा कि वह भाजपा को परास्त करने के लिए लोगों के समर्थन की उम्मीद करते हैं।

जब इस दौरान एक प्रतिभागी ने यह जानना चाहा कि क्या गांधी को लगता है कि सत्ता में आने का इंतजार किए बिना क्या मोदी सरकार पर उनके(राहुल गांधी) ‘अच्छे विचारों’ को लागू कराने के लिए दबाव बनाया जा सकता है, इस पर गांधी ने कहा कि यह लोगों के ‘शक्तिशाली’ और ‘मूल्यवान’ समर्थन से किया जा सकता है।

उन्होंने कहा कि बड़े सपने देखना महत्वपूर्ण है, हालांकि हो सकता है कि उनमें से कुछ साकार नहीं हों। गांधी का परोक्ष तौर पर इशारा केंद्र में भाजपा से सत्ता लेने की ओर था।

गांधी ने कहा, ‘‘हां, हम एक ऐसे दुर्जेय शत्रु (मोदी) से लड़ रहे हैं जो इस देश में धन को हावी कर रहा है। हम एक ऐसे शत्रु से लड़ रहे हैं जो अपने विरोधियों को कुचल रहा है। हालांकि हमने पहले ऐसा किया है, हमने इस नए दुश्मन की तुलना में बहुत बड़े दुश्मन (अंग्रेजों) को हराया है।’’

उन्होंने देश के स्वतंत्रता आंदोलन को याद करते हुए कहा कि मोदी की तुलना में अंग्रेज अधिक शक्तिशाली थे। ब्रिटिश साम्राज्य की तुलना में नरेंद्र मोदी क्या हैं? कुछ भी नहीं। इस देश के लोगों ने ब्रिटिश साम्राज्य को उखाड़ फेंका और उसी तरह हम नरेंद्र मोदी को नागपुर (महाराष्ट्र में आरएसएस मुख्यालय) वापस भेज देंगे।’’

गांधी का परोक्ष तौर पर कहने का यह मतलब था कि लोगों के समर्थन के साथ कांग्रेस के हाथों हार के बाद मोदी राजनीतिक गुमनामी में चले जाएंगे। गांधी ने कहा कि यह प्रधानमंत्री मोदी या उनकी पार्टी के प्रति किसी भी घृणा, क्रोध या हिंसा के बिना हासिल किया जाएगा, भले ही वे (भाजपा) उनके खिलाफ ‘दुर्व्यवहार’ या ‘हिंसा’ का इस्तेमाल करें।

कांग्रेस तमिलनाडु में द्रमुक की सहयोगी है और भाजपा सत्तारूढ़ अन्नाद्रमुक की सहयोगी है। कांग्रेस नेता ने एक अन्य प्रतिभागी के सवाल के जवाब में आरोप लगाया कि भाजपा के नेतृत्व वाले केंद्र ने अपने कई विचारों में ‘‘हिंदू धर्म का प्रतिनिधित्व करने’’ का दावा किया है, लेकिन वास्तव में इसका उस आस्था से कोई लेना-देना नहीं है।

हिंदू धर्म लोगों का अपमान करना, लोगों को मारना या पीटना नहीं सिखाता है, ‘‘लेकिन वे ऐसा करते हैं।’’ उन्होंने कहा कि सभी धर्मों का सार प्रेम है, लेकिन केंद्र सरकार का ‘पूरा खेल’ किसानों सहित आम लोगों के पैसे कृषि कानून जैसी पहलों के जरिए चुराना और उसे बड़े उद्योगों को देना है।

गांधी ने एक अन्य सवाल पर कहा कि उन्हें केंद्र की नई शिक्षा नीति, 2020 भी पसंद नहीं है। जब एक प्रोफेसर ने आरोप लगाया कि एनईपी एजेंडा से प्रेरित है, तो गांधी ने कहा कि शिक्षा संबंधी कोई भी नीति छात्रों और शिक्षकों के साथ विचार-विमर्श का परिणाम होनी चाहिए। उन्होंने दावा किया, ‘‘दुर्भाग्य से यह नहीं किया गया।’’ उन्होंने कहा कि इसके जरिये केंद्र के हाथों में बहुत अधिक शक्ति केंद्रित की गई है और यह शिक्षा प्रणाली को नुकसान पहुंचाने के लिए लायी गई है।

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