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बिहार चुनाव – 2020 (पहला चरण) – 28 अक्टूबर 2020

#BiharElection2020 के लिए प्रथम चरण का वोटिंग शुरू हो चुकी हैं जिसमे 16 जिलों के 71 विधानसभा सीटों पर 1066 उम्मीदवार जिसमें 114 महिला उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। जिनके किस्मत का फैसला लगभग 21.46 लाख वोटरों के द्वारा आज मतपेटी में कैद हो गया। प्रथम चरण में पटना, शेखपुरा, गया, बक्सर, बांका, लखीसराय जैसे महत्वपूर्ण सीटें शामिल हैं।बिहार चुनाव में प्रमुख पार्टियों में भारतीय जनता पार्टी और जनता दल (यू) का एनडीए के रूप में गठबंधन है और राष्ट्रीय जनता दल, कांग्रेस एवं कम्युनिस्ट पार्टी के साथ महागठबंधन के रूप में है। हाल ही में बिहार के बड़े दलित नेता और लोक जनशक्ति पार्टी के मुखिया रामविलास पासवान की मौत के बाद लोक जनशक्ति पार्टी केंद्र में एनडीए के साथ है किन्तु बिहार में एनडीए के साथ नहीं है। लोक जनशक्ति पार्टी ने अपने उम्मीदवारों को जनता दल (यू) के उम्मीदवारों के सामने चुनाव मैदान में उतारा है।बिहार चुनाव के मद्देनज़र संस्था एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स ने बताया है कि बिहार चुनाव के प्रथम चरण में 1066 उम्मीदवारों में से लगभग 31 प्रतिशत उम्मीदवार यानि 328 उम्मीदवार ऐसे हैं जिनपर आपराधिक एवं गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं। जिसमें सबसे अधिक अव्वल नंबर पर राष्ट्रीय जनता दल जिसके कुल 41 उम्मीदवारों में से 30 (73 प्रतिशत) उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं, दुसरे स्थान पर भारतीय जनता पार्टी जिसके 29 में से 21 (72 प्रतिशत) उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं, लोक जनशक्ति पार्टी के 41 उम्मीदवारों में 24 (59 प्रतिशत) उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले हैं, इंडियन नेशनल कांग्रेस के 21 उम्मीदवारों में से 12 (57 प्रतिशत) और जनता दल (यू) के 35 उम्मीदवारों में से 15 (43 प्रतिशत) उम्मीदवारों पर आपराधिक और गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं।एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स की रिपोर्ट बताती है कि बिहार के प्रथम चरण के चुनाव में 1066 उम्मीदवारों में से 29 ऐसे उम्मीदवार भी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं जिनपर महिलाओं पर किये गए अपराध का रिकॉर्ड हैं और इनमे से 3 उम्मीदवारों पर बलात्कार जैसे मामले दर्ज हैं। 21 उम्मीदवार ऐसे हैं जिनपर भादवि की धारा 302 हत्या का मुकदमा चल रहे हैं। 62 उम्मीदवारों पर भादवि की धारा 307 हत्या का प्रयास का मुकदमा चल रहा है। एडीआर के रिपोर्ट के अनुसार प्रथम चरण के 71 सीटों में से 61 (86  प्रतिशत) सीटें ऐसी हैं जिनको चुनाव आयोग ने रेड अलर्ट असेंबली घोषित किया है। जिनमें 61 विधानसभा क्षेत्रों में अपनी किस्मत आजमा रहे उम्मीदवारों में एवरेज 3 लोगों पर गंभीर आपराधिक प्रकरण दर्ज हैं और मुकदमा चल रहा हैं। इन आपराधिक प्रवृत्ति के उम्मीदवारों को लगभग सभी प्रमुख राजनैतिक दलों ने टिकट दिया है। इस सम्बन्ध में 13 फरवरी 2020 को देश के उच्चतम न्यायालय द्वारा राजनैतिक पार्टियों के द्वारा गंभीर आपराधिक और सजायाफ्ता लोगों को चुनाव में उम्मीदवार बनाये जाने के याचिका में सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया था | “(It shall be mandatory for political parties [at the Central and State election level] to upload on their website detailed information regarding individuals with pending criminal cases (including the nature of the offences, and relevant particulars such as whether charges have been framed, the concerned Court, the case number etc.) Who have been selected as candidates, along with the reasons for such selection, as also as to why other individuals without criminal antecedents could not be selected as candidates.)” क्या मजबूरी रहती हैं इन राजनैतिक दलों की ?एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स के रिपोर्ट के अनुसार बिहार चुनाव के प्रथम चरण में सभी राजनैतिक दलों ने बड़े पैमाने पर ऐसे उम्मीदवारों को टिकट दिया है जो करोड़पति हैं। 1066 उम्मीदवारों में 93 उम्मीदवार ऐसे हैं जिनकी संपत्ति 5 करोड़ से अधिक हैं, 123 उम्मीदवार ऐसे हैं जिनके पास 2 करोड़ से 5 करोड़ रुपये की संपत्ति है, 301 उम्मीदवार ऐसे हैं जिनकी संपत्ति 50 लाख से 2 करोड़ है और 315 एवं 232 उम्मीदवार ऐसे हैं जिनकी संपत्ति 10 से 50 लाख और 10 लाख के नीचे क्रमश: हैं। यदि ऐसे करोड़पति उम्मीदवारों की राजनैतिक पार्टीनुसार देखेंगे तो आकड़ा और चौकाने वाला है। प्रथम चरण के 71 सीटों पर राष्ट्रीय जनता दल के 39 (95  प्रतिशत) उम्मीदवार ऐसे हैं जो करोड़पति हैं, जनता दल (यू) के 35 उम्मीदवारों में से 31 (89  प्रतिशत) उम्मीदवार करोड़पति हैं, भारतीय जनता पार्टी के 29 में से 24 (83  प्रतिशत) उम्मीदवार करोड़पति हैं, लोक जनशक्ति पार्टी के 41 में से 30 (73  प्रतिशत) उम्मीदवार करोड़पति हैं और इंडियन नेशनल कांग्रेस के 21 में से 14 (67  प्रतिशत) उम्मीदवार करोड़पति हैं। इन करोड़पति उम्मीदवारों की फेहरिस्त में सबसे पहला नाम राष्ट्रीय जनता दल के टिकट पर मोकामा से अपनी किस्मत आजमा रहे अनंत कुमार सिंह 68 करोड़ से अधिक के मालिक हैं वही इंडियन नेशनल कांग्रेस से शेखपुरा जिले के बारबीघा विधानसभा से अपनी किस्मत आजमा रहे गजानंद शाही 61 करोड़ से अधिक और गया जिले के अत्री से जनता दल (यू) के टिकट पर चुनाव लड़ रही मनोरमा देवी 50 करोड़ से अधिक की संपत्ति की मालकिन हैं । इन सभी करोड़पति उम्मीदवारों की फेहरिस्त में 116 (11  प्रतिशत) उम्मीदवारों  ने अपना पैन डिटेल्स और इनकम टैक्स रिटर्न चुनाव आयोग के समक्ष प्रस्तुत नहीं किया है। आज के चुनाव में कुछ सीटों पर अलग-अलग पार्टियों के प्रमुख नेता हैं जिनका किस्मत आज बिहार के 21.46 लाख वोटरों ने तय कर दी है । जिनमें बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हम पार्टी के प्रमुख जित्तन राम मांझी गया की आरक्षित इमामगंज सीट पर हैं और उनके सामने राजद के उदय नारायण चौधरी की उम्मीदवारी काफी रोमांचक है । रोहतास के दिनारा विधानसभा से भाजपा के पूर्व वरिष्ठ नेता राजेंद्र सिंह का मुकाबला बिहार सरकार में मंत्री रहे जदयू के नेता जय कुमार सिंह से मुकाबला है, वही सासाराम से भाजपा के पूर्व वरिष्ठ नेता रामेश्वर चौरसिया लोजपा से अपनी किस्मत आजमा रहे हैं ।

  • सतीश साह
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