Breaking News

पोस्टर चोरी के आरोपों पर ‘ऑल्टबालाजी’ ने मांगी माफी, ये है मामला

निर्माता एकता कपूर के स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म ‘ऑल्टबालाजी’ ने पोस्टर चोरी के मामले में रविवार को माफी मांगी और अपने सोशल मीडिया खातों से ‘हिज स्टोरी’ सीरीज के पोस्टर हटा लिए। फिल्म निर्माता सुधांशु सरिया ने आरोप लगाया था कि यह पोस्टर उनकी फिल्म ‘‘लोव’’ से चोरी किया गया है, जिसके बाद ऑल्टबालाजी से माफी मांगी।,

‘‘नॉक नॉक नॉक’’ फिल्म के लिए पिछले महीने सर्वश्रेष्ठ निर्देशन की श्रेणी में राष्ट्रीय पुरस्कार जीतने वाले सरिया ने टि्वटर पर 2015 में आयी समलैंगिकता पर आधारित अपनी मशहूर फिल्म का पोस्टर साझा किया जिसमें फिल्म के दो मुख्य कलाकार एक-दूसरे का हाथ पकड़कर सोते हुए दिखाई देते हैं।

ऑल्टबालाजी ने अपने सोशल मीडिया खातों पर ‘हिज स्टोरी’ का जो पोस्टर साझा किया है, उसमें भी सीरीज के दो मुख्य कलाकारों को ऐसी ही अवस्था में दिखाया गया है।

सरिया ने ऑल्टबालाजी पर उनका पोस्टर ‘‘खुलेआम’’ चोरी करने का आरोप लगाया और लिखा कि किसी की कलाकृति को चोरी करने की संस्कृति ‘‘खत्म होनी चाहिए’’। ऑल्टबालाजी ने टि्वटर पर जारी किए बयान में कहा, ‘‘यह हमारी डिजाइन टीम की भूल है। इसके लिए हम माफी मांगते हैं।’’

गौरतलब है कि इससे पहले फिल्म निर्माता विक्रमादित्य मोटवानी ने सरिया के आरोपों के बावजूद पोस्टर न हटाए जाने के लिए ऑल्टबालाजी से नाराजगी जताई थी। मोटवानी ने कहा था कि इस प्रोडक्शन हाउस का साहित्यिक चोरी का इतिहास रहा है और उन्होंने कंगना रणौत की फिल्म ‘‘जजमेंटल है क्या’’ का पोस्टर साझा किया, जिस पर आरोप है कि यह हंगरी की कलाकार फ्लोरा बोरसी की कलाकृति से चुराया गया।

मोटवानी ने लिखा, ‘‘आपने न केवल किसी का कड़ी मेहनत से किया काम चुराया बल्कि उसे अपना बना दिया और साथ ही आपने अपनी गलती मानने या माफी मांगने से भी इनकार कर दिया। शर्मनाक।’’

ऑल्टबालाजी ने कहा कि वह हर कलाकार की रचनात्मकता का सम्मान करता है और जानबूझकर न कभी उनका काम चुराएगा या न कभी उनकी प्रतिभा का अपमान करेगा। ‘हिज स्टोरी’ में अभिनेता सत्यदीप मिश्रा, प्रियमणि राज और मृणाल दत्त ने काम किया है।

Loading...

Check Also

मुक्ता आर्ट्स का टीवी शो ‘जानकी’ 2.95 अंकों के साथ टीआरपी चार्ट में शीर्ष पर; सुभाष घई ने टीम को बधाई दी

सूर्योदय भारत समाचार सेवा : सुबाह घई, जो अपनी उल्लेखनीय उपलब्धियों और ‘परदेस’, ‘राम लखन’, ...