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पायलट को मनाने के प्रयास शुरू, प्रियंका ने किया हस्तक्षेप

अशाेेेक यादव, लखनऊ। राजस्थान में राजनीतिक संकट सुलझाने और नाराज सचिन पायलट को शांत कराने के लिए कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने हस्तक्षेप किया है। प्रियंका गांधी ने मोर्चा संभालते हुए सचिन पायलट और अशोक गहलोत से बात की है।

प्रियंका के हस्तक्षेप के बाद पायलट के पोस्टर पीसीसी पर फिर से चिपकाए गए और उनके कहने पर ही रणदीप सुरजेवाला ने जयपुर से पायलट और उनके समर्थकों से वापस लौटने की जोरदार अपील की। कांग्रेस के राज्य प्रभारी अविनाश पांडे ने भी कहा कि वह बातचीत करना चाहते हैं, लेकिन सुबह उन्होंने कहा था कि अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

सूत्रों ने कहा कि के.सी. वेणुगोपाल को पायलट से बात करने की जिम्मेदारी दी गई है, क्योंकि वेणुगोपाल संगठन महासचिव हैं और संप्रग 2 के दौरान पायलट के साथ केंद्रीय मंत्री रहे हैं।

बताया जा रहा है कि पायलट ने चार शर्तें रखी हैं जिनमें कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष का पद बरकरार रखने के अलावा गृह और वित्त विभाग की मांग की है। सचिन पायलट अभी दिल्ली में ही हैं। उन्होंने 25 विधायकों के साथ होने का दावा किया है। मुख्यमंत्री गहलोत के पास स्पष्ट बहुमत होने के बाद भी सियासी घटनाक्रम और चल सकते हैं। लिहाजा विधायकों को होटल में ठहराया गया है।

भारतीय जनता पार्टी की तरफ से अब तक सरकार गिराने के प्रयासों का कोई संकेत नहीं मिला है, लेकिन आज आयकर विभाग के सीएम गहलोत के दो नजदीकी नेताओं के यहां छापेमारी से यह कयास लगाया जा रहा है कि भाजपा भी कहीं न कहीं इस घटनाक्रम में जुड़ी हुई है।

पार्टी के प्रवक्ता रण्दीप सुरजेवाला ने प्रेस कांफेस में यह आरोप लगाया भी कि आयकर विभाग प्रवर्तन निदेशालय और सीबीआई भाजपा के अग्रिम संगठन हैं तथा आयकर विभाग की कार्रवाई सामने आ चुकी है। उन्होंने पायलट सहित सभी कांग्रेस विधायकों से अपील की कि बातचीत के लिये उनके दरवाजे खुले हैं। उसके बाद से ही यह लग रहा था कि पायलट से सुलह की कोशिशें चल रही हैं।

इससे पहले मुख्यमंत्री निवास पर आज विधायक दल की बैठक से पहले सीएम गहलोत ने विजय का चिन्ह दिखाते हुए 109 विधायकों के समर्थन का दावा किया। बैठक में 106 विधायक आये थे। करीब दो घंटे चली बैठक के बाद विधायकों को बसों के जरिए होटल ले जाया गया। अशोक गहलोत भी बस में उनके साथ थे।

गहलोत खेमे के विधायक होटल भेजे गए
मुख्यमंत्री आवास पर सोमवार को कांग्रेस विधायक दल की बैठक समाप्त होने के तत्काल बाद राजस्थान के कांग्रेस विधायकों को दिल्ली-जयपुर राजमार्ग पर स्थित फेयरमोंट होटल भेज दिया गया। इसके पहले पार्टी विरोधी तत्वों को दंडित करने की मांग वाला एक प्रस्ताव पारित किया गया। फेयरमोंट वहीं होटल है, जहां आईटी के दस्ते ने सोमवार सुबह छापा मारा था। मुख्यमंत्री आवास के बाहर चार बसें खड़ी थीं, जिनमें सवार होकर विधायक होटल गए।

पार्टी ने सीएलपी की बैठक के बाद सोमवार को भाजपा के खिलाफ एक प्रस्ताव पारित किया और कहा कि पार्टी लोकतंत्र की हत्या की कोशिशों की निंदा करती है। प्रस्ताव में कहा गया कि पार्टी विरोधी गतिविधियों के पीछे के लोगों को दंडित किया जाए, साथ ही पार्टी उस किसी भी अलोकतांत्रिक कदम की निंदा करती है, जो पार्टी की छवि धूमिल करता हो।

इसके पहले सभी विधायकों को बैठक में हिस्सा लेने के लिए एक व्हिप जारी किया गया था, हालांकि पायलट और उनके समर्थक 18 विधायक बैठक से गायब थे।

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