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दुनिया के लिए भव्यता, दिव्यता और सुव्यवस्था का मानक बनेगा प्रयागराज का महाकुंभ: योगी आदित्यनाथ

राहुल यादव, लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि वर्ष 2024-25 में प्रयागराज में आयोजित होने वाला महाकुंभ पूरी दुनिया के लिए भव्यता, दिव्यता और सुव्यवस्था का मानक बनेगा।उन्होंने कहा है कि इसके लिए अभी से तैयारी शुरू कर दी जाए।कोई भी तैयारी अपूर्ण और अस्थायी नहीं होनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने इस वैश्विक महत्व के आयोजन के लिए जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों को साथ मिलकर कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए हैं।मुख्यमंत्री ने कोविड प्रोटोकॉल का अनुपालन सुनिश्चित करते हुए जनवरी 2021 के माघमेला के दौरान कल्पवासियों के संकल्प को सफल करने के लिए कार्ययोजना बनाने के भी निर्देश दिए हैं। 
मुख्यमंत्री मंगलवार को प्रयागराज मंडल (जनपद प्रयागराज, फतेहपुर, कौशाम्बी और प्रतापगढ़ ) के विकास कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। स्मार्ट सिटी मिशन के कार्यों की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह परियोजना भविष्य की ज़रूरतों के दृष्टिगत अति महत्वपूर्ण है। इसकी महत्ता को देखते हुए परियोजना के कार्यों को प्राथमिकता दी जाए। उन्होंने कहा कि आगामी महाकुंभ जब प्रयागराज में होगा, तब स्मार्ट सिटी जैसी परियोजनाओं से बहुत मदद मिलेगी। सारी परियोजनाएं इस आयोजन को ध्यान में रखकर पूरी की जाएं। मुख्यमंत्री ने प्रयागराज नगर की सीवरेज व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए नियोजित प्रयास पर बल देते हुए प्रयागराज शहर के कटरा, कचहरी और कलेक्ट्रेट जैसे क्षेत्रों में पार्किंग समस्याओं के समाधान के संबंध में प्रस्तावित कार्ययोजना के संबंध में अधिकारियों से जानकारी ली। 
शुद्ध पेयजल मुहैया कराने के लिए प्रतिबद्ध है सरकार: मुख्यमंत्री ने कहा कि गंगा जी के तटवर्ती क्षेत्रों में फ्लोराइड और आर्सेनिक प्रभावित क्षेत्रों में शुद्ध पेयजल मुहैया कराने के लिए नियोजित प्रयास किये जायें।अमृत योजना के अन्तर्गत हुए कार्यों की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पेयजल से जुड़ी सभी योजनाओं का क्रियान्वयन प्राथमिकता के साथ किया जाए। घर-घर शुद्ध पेयजल पहुंचाना है। कोई गांव न छूटे। उन्होंने कहा कि शुद्ध पेयजल का मतलब है कि आम आदमी के मेडिकल बिल को आधा कर देना। 
क्षेत्रीय विशिष्टताओं की करें ब्रान्डिंग: समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने प्रयागराज मण्डल के पौराणिक, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व का उल्लेख करते हुए कहा कि यहां पर्यटन की असीम संभावनाएं हैं। भगवान बुद्ध की तपोस्थली कौशाम्बी के साथ-साथ, भगवान राम और निषाद की मित्रता की स्थली श्रृंगवेरपुर सामाजिक समरसता की प्रतीक भी है। प्रभु राम श्री वन गमन का मार्ग भी यहीं से होकर जाता है। इससे जुड़े हुए कई स्थल हैं। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि पर्यटन क्षेत्र में विकास की सम्भावनाओं के दृष्टिगत जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक कर इस संबंध मे कार्ययोजना बनाएं। उन्होंने कहा कि ‘आत्मनिर्भर भारत’ पैकेज के अंतर्गत कृषि के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास की असीम संभावनाएं हैं। हर ब्लाक में एफपीओ का गठन करें। गोदामों के लिए प्रस्ताव तैयार करें। बैंकों से समन्वय बनाकर लोगों को मुद्रा योजना, एमएसएमई के लिए ऋण योजना आदि से लाभान्वित करें। सभी पात्रों के राशन कार्ड बनाएं, प्रधानमंत्री आवास योजना तथा मुख्यमंत्री आवास योजना का लाभ दिलाएं। उन्होंने ग्राम सचिवालय तथा सामुदायिक शौचालय के लिए भूमि का चिन्हांकन जनप्रतिनिधियों के साथ संवाद करके शीघ्रता से किए जाने के निर्देश दिए। 
समयबद्धता और गुणवत्ता से समझौता नहीं: मुख्यमंत्री ने कहा कि परियोजनाओं के लम्बित रहने से लागत के पुनरीक्षण की स्थिति उत्पन्न होती है, जिससे उसकी लागत बढ़ती है और जनता को उसका लाभ भी समय से नहीं मिल पाता। सभी परियोजनाएं समयबद्ध व गुणवत्तापूर्ण ढंग से मानकों के अनुसार पूर्ण की जाएं। परियोजना के संबंध में प्रत्येक स्तर पर जवाबदेही तय होनी चाहिए। यह भी कहा कि प्रत्येक विकास परियोजना के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त कर उसे समयबद्ध ढंग से और मानकों के अनुसार पूर्ण कराया जाए।
कोविड नियंत्रण: टेस्टिंग और ट्रेसिंग को माने मंत्र:
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रयागराज मंडल ने कोविड-19 संक्रमण के प्रसार को नियंत्रित करने लिए अच्छा प्रयास किया है। लेकिन अब और सतर्कता की ज़रूरत है। पिछले एक सप्ताह से संक्रमण की दर घटी है, रिकवरी रेट सुधरा है, लेकिन प्रयागराज में डेथ रेट और रिकवरी रेट प्रदेश के औसत से अधिक है। इस पर ध्यान देने की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि जागरूकता के कार्यक्रम हर स्तर पर चलाए जाएं। जब तक कोई वैक्सीन या दवा नहीं आती, तब तक सतर्कता ही बचाव है। 
जनप्रतिनिधियों ने कोरोना नियंत्रण के लिए मुख्यमंत्री को दिया धन्यवाद:
समीक्षा के दौरान विकास कार्यों के संबंध में फीडबैक देते हुए मण्डल के जनप्रतिनिधियों ने कोरोना नियंत्रण के लिए प्रभावी रणनीति और श्रमिकों, असहायों के सहायतार्थ किये गए प्रयासों के लिए मुख्यमंत्री के प्रति आभार ज्ञापित किया। सांसद डॉ. रीता बहुगुणा जोशी ने औद्योगिक नगरी नैनी के पुनर्जीवन की जरूरत बताई। उन्होंने कहा कि बेहतर हो यदि महत्वाकांक्षी डिफेंस कॉरिडोर परियोजना को चित्रकूट से बढ़ाकर नैनी तक लाया जाए। मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने प्रदेश में माफियाओं के खिलाफ जारी अभियान की तारीफ की। उन्होंने प्रयागराज मण्डल में कन्वेंशन सेंटर की आवश्यकता भी बताई। मुख्यमंत्री ने जनप्रतिनिधियों को भरोसा दिया कि वह स्थानीय प्रशासन के जरिए अपने प्रस्ताव बनवाकर शासन के संबंधित विभाग को भिजवाएं। उसकी प्रति मुख्यमंत्री कार्यालय को भी भेज दें। मुख्यमंत्री ने जनप्रतिनिधियों से कहा कि अाप लोग क्षेत्र में हो रहे विकास कार्यों की समयबद्धता और गुणवत्ता की लगातार निगरानी करते रहें। इससे पहले समीक्षा की शुरुआत में मंडलायुक्त प्रयागराज ने मंडल में जारी 50 करोड़ रुपये से ऊपर की विकास परियोजनाओं की प्रगति से मुख्यमंत्री को अवगत कराया। इसके बाद सभी जिलाधिकारियों ने बारी-बारी से अपने जिले में चल रही 10 से 50 करोड़ रुपये तक की विकास परियोजनाओं के बारे में बताया। 
मुख्यमंत्री ने दिए यह निर्देश

-रज्जू भइया विश्वविद्यालय, प्रयागराज के शेष निर्माण कार्य को तेज किया जाए। 
– राजकीय मेडिकल कॉलेज कौशाम्बी, प्रतापगढ़, फतेहपुर में अगले सत्र से पठन-पाठन शुरू करना है। इस लक्ष्य को ध्यान में रखकर कॉलेज भवनों का निर्माण कार्य पूरा कराया जाए।
– राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज प्रतापगढ़ के निर्माण कार्य को प्राथमिकता दें। 
– उत्तर मध्य रेलवे के प्रयागराज-कानपुर सेक्शन पर बेगम बाजार-भगवतपुर मार्ग पर रेल उपरिगामी पुल निर्माण कार्य के अवरोधों को दूर करने के लिए हर स्तर पर कोशिश की जाए।
– लाल बहादुर शास्त्री होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज प्रयागराज का निर्माण कार्य ढाई दशक से लंबित है। इसे शीघ्र पूर्ण किया जाए।

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