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जेईई-मेन्स 2020 : सितंबर में 74 प्रतिशत ने दी जेईई मेन परीक्षा

कोविड-19 के मद्देनजर सख्त एहतियात के बीच पिछले सप्ताह आयोजित हुई जेईई मेन्स परीक्षा में कुल पंजीकृत उम्मीदवारों में से 74 प्रतिशत उपस्थित हुए। यह जनवरी सत्र के मुकाबले उपस्थिति के आंकड़े में गिरावट को दर्शाता है।

जनवरी सत्र के दौरान उपस्थिति कुल रजिस्टर्ड उम्मीदवारों का 94.32 प्रतिशत रही थी। देश के इंजीनियरिंग कॉलेजों में दाखिले के लिये संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई)-मेन्स का आयोजन वर्ष में दो बार होता है। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, 1 सितंबर से 6 सितंबर तक आयोजित हुई जेईई मेन्स परीक्षा में 8.58 लाख अभ्यार्थियों में से 6.35 लाख उपस्थित हुए । 
   
कोविड-19 महामारी के कारण दो बार टालने के बाद इस परीक्षा का आयोजन एक से छह सितंबर के बीच हुआ। 

केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने अपने ट्वीट में कहा, ”जेईई मेन्स का आयोजन साल में दो बार होता है। पिछली परीक्षा इस वर्ष जनवरी में हुई थी। सितंबर की परीक्षा में उपस्थित नहीं हुए अनेक छात्रों ने हो सकता है, जनवरी की परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन किया होगा और इसलिये इस बार परीक्षा में बैठने की जरूरत महसूस नहीं हुई होगी। हम उस संख्या का आकलन कर रहे हैं।”

गौरतलब है कि पिछले वर्ष परीक्षा के जनवरी और अप्रैल संस्करण में उपस्थिति क्रमश: 94.11 और 94.15 प्रतिशत रही थी । 

इस महत्वपूर्ण प्रवेश परीक्षा को लेकर विवाद उत्पन्न हो गया था जब छात्रों के एक वर्ग और कई विपक्षी दलों ने कोविड-19 के बढ़ते मामलों के कारण परीक्षा को स्थगित करने की मांग की थी। 
   
निशंक ने कहा, ”परीक्षा लेने में और देरी करना हमारे कठिन परिश्रम करने वाले छात्रों और कॉलेजों में दाखिले के संबंध में उनकी योजना के हित में नहीं होता। हमारी सरकार के लिये छात्रों का कल्याण और उनकी सुरक्षा सर्वोपरि है। हम अपने युवाओं के हित में हमेशा काम करेंगे।”

हालांकि, भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने चिंता व्यक्त की है कि परीक्षा में उपस्थिति, शिक्षा मंत्रालय द्वारा दिये गए आंकड़ों से कम है। 

स्वामी ने ट्वीट किया, ”शिक्षा मंत्रालय ने उच्चतम न्यायालय में कहा कि भारत और विदेशों में 660 से अधिक केंद्रों के लिये 9.53 लाख उम्मीदवारों ने पंजीकरण कराया। अब मंत्री कह रहे हैं कि यह संख्या 8.58 लाख है। कौन सा तथ्य आधिकारिक है।”

उल्लेखनीय है कि इससे पहले उच्चतम न्यायालय ने कोविड-19 के कारण जेईई मेन्स और नीट परीक्षा टालने की याचिका को खारिज कर दिया था और कहा था कि छात्रों का बहुमूल्य वर्ष बर्बाद नहीं किया जा सकता । 

जेईई एडवांस परीक्षा 27 सितंबर को होने वाली है। 

इससे पहले, कांग्रेस नेता राहुल गांधी, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक, द्रमुक नेता स्टालिन, दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने परीक्षा स्थागित करने की मांग की थी । 

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