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कोरोना की रिपोर्ट पॉजिटिव आए तो घबराएं नहीं, जानें क्या है होम क्वारंटाइन का सही तरीका और कैसा मास्क है कारगर

महामारी बन चुके कोरोनावायरस नाम के संक्रमण से निजात पाने के लिए दुनियाभर के वैज्ञानिक और डॉक्टर लगे हुए हैं। बावजूद इसके अभी तक कोविड-19 से पूरी तरह निजात पाने में किसी भी देश को सफलता नहीं मिल पाई है। इस वायरस से संक्रमित लाखों लोग अपनी जान गवां चुके हैं। ऐसे में इस जानलेवा वायरस से बचाव और लोगों को इस वायरस के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से डी डी न्यूज पर आए डॉक्टरों ने आम लोगों को कुछ एहतियात बरतने की सलाह दी है। आइए जानते हैं क्या हैं वो एहतियात और कोरोना की रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर कैसे करें खुद को होम क्वारंटाइन। 

डॉक्टर सरीन के अनुसार अगर आप किसी भी कोविड-19 संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए हैं या आपके भीतर कोविड के ये मामूली लक्षण जैसे बुखार, नाक बहना, जुकाम, गले में खराश, सिर दर्द, बदन टूटना, उल्टी, डायरिया, त्वचा पर चकत्ते, स्वाद, गंध का न आना और आंख लाल होना आदि जैसे लक्षण नजर आ रहे हैं तो सबसे पहले तुरंत खुद को होम क्वारंटाइन कर लें। 
-दूसरा, कोरोना से बचाव के लिए जरूरी तीनों चीजों हाथों को अच्छे से धोना, चेहरे पर मास्क लगाना और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें।  
-लक्षण दिखते ही सबसे पहले अपने घर के नजदीकी हेल्थ सेंटर पर जाकर अपना कोरोना टेस्ट जरूर करवाएं, कोरोना की रिपोर्ट मिलने तक खुद को घर के दूसरे लोगों से अलग ही रखें। 
– समय-समय पर अपना ऑक्सीजन लेवल भी चेक करते रहें। अगर आपका ऑक्सीजन लेवल 94 या उससे ऊपर रहता है तो आप घर पर खुद को होम क्वारंटाइन कर सकते हैं। ऐसी अवस्था में आपको अस्पताल जाने की जरूरत नहीं होती है। ध्यान रखें लक्षण दिखने के शुरूआती 4-5 दिन किसी तरह का कोई ब्लड टेस्ट करवाने की जरूरत नहीं है।

कौन होते हैं हाई रिस्क पेशेंट-
-ऐसे लोग जिनकी उम्र 60 से ऊपर होती है। 
– ऐसे लोग जो पहले से ही हार्ट, किड़नी, कैंसर या फिर गुर्दे के किसी रोग से पीड़ित हैं और किसी तरह की कोई थेरेपी ले रहे हैं। ऐसे लोगों में गंभीर रोग से पीड़ित होने की संभावना बनी रहती है। 

सलाह-
खुद को दूसरों से अलग रखें, कोविड नियमों का पालन करें, कोविड लक्षणों पर नजर रखें, लक्षण दिखने पर तुरंत टेस्ट करवाएं, अगर आप हाई रिस्क वाले लोगों की श्रेणी में आते हैं तो लक्षण दिखते ही तुरंत अपने डॉक्टर से सलाह लें। इसके अलावा विटामिन सी, विटामिन डी, जिंक जैसी दवाएं भी कोरोना से उभरने में मदद कर सकती हैं, लेकिन इन दवाओं का इस्तेमाल अपने डॉक्टर से पूछे बिना बिल्कुल न करें। 

आइसोलेशन में रखें इन बातों का ध्यान-
-डॉक्टर की सलाह लें। 
-अपने डॉक्टर का नंबर साथ रखें।
-भाप, नमक वाले पानी से गरारे करते रहे। 
-डॉक्टर की सलाह से दवा लेते रहें।
-कोविड के इलाज के प्रोटोकॉल का पालन करें। 
-हल्के लक्षण के अनुसार घर पर ही डॉक्टर की निगरानी में इलाज शुरू कर दें। 
-स्वयं खुद का इलाज ना करें। डॉक्टरी परामर्श जरूरी है। 
-लक्षण के अनुसार बुखार, उल्टी, डायरिया आदि का इलाज करें। 
-बुखार रोकने के लिए पैरासिटामोल लें। 
-डॉक्टर की सलाह से विटामिन सी, विटामिन डी, जिंक आदि दवा ले सकते हैं। 
-खूब पानी और तरल पदार्थ लें।  
  
कब ऑक्सीजन लेवल जांचना है बेहद जरूरी-

डॉक्टर मृदुल कुमार के अनुसार, जिन लोगों को छाती में ज्यादा कन्जेस्चन महसूस हो रही हो, खांसी अधिक हो, तेज बुखार से पीड़ित हैं तो उनका ऑक्सीजन लेवल जांचना बेहद जरूरी हो जाता है। इसके अलावा दवा लेने के बाद जब आपका बुखार कम हो जाए तब भी अपना ऑक्सीजन लेवल जांचें। कोशिश करें कि कुछ देर चलने के बाद और चलने से पहले अपना ऑक्सीजन लेवल चेक करें। 

कैसा मास्क है उपयोगी-
डॉक्टर अनूप के अनुसार, अगर व्यक्ति चेहरे पर दो कपड़े के मास्क पहन लेता है तो वो हवा में फैले वायरस के कीटाणुओं से वह पूरी तरह सुरक्षित है। हाल ही में हुई एक रिसर्च में एक बात सामने आई है कि 5 माइक्रोन से छोटे वायरस के कण एरोसोल के रूप में हवा में बने रहते हैं। इनसे बचने के लिए मास्क की एक लेयर काफी नहीं है। इससे बचाव के लिए मास्क की डबल लेयर का होना जरूरी है। यही वजह है कि सर्जिकल मास्क के ऊपर कपड़े का मास्क पहनने की सलाह दी जा रही है। सर्जिकल मास्क डिस्पोज़बल होने की वजह से बार-बार नहीं धोए जा सकते हैं लेकिन कपड़े का मास्क यूज करने के बाद धोकर दोबारा इस्तेमाल में लाया जा सकता है। यही वजह है कि चेहरे पर पहने गए दो कपड़े के मासक आपको वायरस से बचाने में सक्ष्म माने जा रहे हैं।

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