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कृषि बिल को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी पंजाब सरकार- मनप्रीत सिंह बादल

अशाेक यादव, लखनऊ। पंजाब सरकार संसद में पास किये गए कृषि बिल को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी। पंजाब के वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने कहा है कि किसान विरोधी कृषि बिलों के खिलाफ कांग्रेस आखिरी दम तक लड़ेगी।

उन्होंने कहा कि संसद में पास किये गए ऑर्डिनेंस का मुख्य मकसद किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य के सुरक्षा कवच से वंचित करना है। उन्होंने कहा कि किसानों की हालत इतनी दयनीय हो चुकी है कि आज देश में हर घंटे पर एक किसान आत्महत्या करने को विवश है। एक दिन में 24 किसान आत्महत्या कर रहे हैं।

लखनऊ कांग्रेस कार्यालय में पंजाब के वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने शुक्रवार को एक पत्रकार वार्ता के दौरान कहा कि संकट की इस घड़ी में सभी किसानों को समझदारी से काम लेना होगा। किसानों के हितों को नुकसान पहुंचाने वाले कदमों को कांग्रेस कभी भी बर्दाश्त नहीं करेगी। सिर्फ कांग्रेस ही सरकार की जन विरोधी नीतियों का डट कर विरोध करेगी। उन्होंने कहा कि किसी को भी किसानों के हितों का नुकसान पहुंचाने की इजाजत नहीं दी जाएगी।

पंजाब के वित्त मंत्री ने बताया कि यह कृषि बिल किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य के रूप में मिले सुरक्षा कवर से वंचित कर देंगे। हाल ही में मोदी सरकार की तरफ से गेहूं के न्यूनतम समर्थन मूल्य में 50 रुपए की वृद्धि का ऐलान किया गया है। पिछले एक दशक का सबसे कम केवल 2.6 प्रतिशत है।

उन्होंने कहा कि कृषि लागत और मूल्य कमीशन ने खाद्य वस्तुओं की 8.4 प्रतिशत महंगाई के मद्देनजर न्यूनतम समर्थन मूल्य में छह प्रतिशत वृद्धि की सिफ़ारिश की थी। इससे संकेत मिलता है कि केंद्र सरकार किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य देने से पैर पीछे खींच रही है। उन्होंने कहा कि इस बिल के खिलाफ पंजाब सरकार सुप्रीम कोर्ट की शरण लेगी।

श्री बादल ने बताया कि मोदी सरकार जबसे सत्ता में आयी है कार्पोरेट टैक्स लगभग 40 प्रतिशत घटाया है और 6.6 लाख करोड़ रूपये विभिन्न तरीके से माफ किया है। उन्होंने कहा कि एक्साइज ड्यूटी का जो हिस्सा लगभग 42 प्रतिशत राज्यों का होता है उसे नहीं दिया जा रहा है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत किसानों से उच्च प्रीमियम लिया जा रहा है अकेले हरियाणा में बीमा कंपनियों ने किसानों से 10 हजार करोड़ रूपये कमाया है।

पंजाब के वित्त मंत्री ने कहा कि जो नया कानून पारित हुआ है उसमें बिना लाइसेंस व्यापारी कारोबार कर सकता है ऐसे में अगर किसान की उपज का मूल्य समय से न दे अथवा एमएसपी से नीचे खरीद करे तो उस पर कार्यवाही कैसे करेंगे जब सरकार को पता ही नहीं कि कौन खरीद रहा है।

उन्होंने कहा कि अगर कंपनी डूब जाती है या भाग जाती है तो ऐसे समय किसान के उपज का मूल्य का भुगतान की गारंटी कौन करेगा। उन्होने कहा कि पंजाब सरकार इस नये कानून को सर्वोच्च न्यायालय में चैलेंज करने के लिए तैयार है।

इस दौरान कांग्रेस के सचिव धीरज गुर्जर, उत्तर प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष वीरेन्द्र चौधरी, एआईसीसी पैनलिस्ट सुरेन्द्र राजपूत, कांग्रेस के मीडिया एडवाइजरी कमेटी के सदस्य ओंकारनाथ सिंह आदि मौजूद रहे।

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