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कांग्रेस ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत से मॉब लिंचिंग पर पूछी उनकी राय, ‘लिंचिंग का समर्थन करते हैं या निंदा?’

नई दिल्ली: कांग्रेस ने भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या (मॉब लिंचिंग) के संदर्भ में आरएसएस प्रमुख मोहन भावगत के बयान की आलोचना करते हुए मंगलवार को सवाल किया कि क्या संघ प्रमुख असहाय लोगों की हत्याओं का समर्थन करते हैं या फिर ऐसी घटनाओं की निंदा करते हैं।पार्टी के वरिष्ठ प्रवक्ता आनंद शर्मा ने ट्वीट कर कहा, ‘‘मेरा सरसंघचालक मोहन भागवत जी से सीधा सवाल है- क्या वह और उनका संगठन घृणा और हिंसा का इस्तेमाल कर निर्दोष और असहाय लोगों की हत्या का अनुमोदन करते हैं या ऐसी घटनाओं की भर्त्सना करते हैं। देश जानना चाहता है कि आपको समस्या इन घटनाओं से है या सिर्फ शब्दावली से?” उन्होंने यह भी कहा, ‘‘यह भारतीय और यूरोपीय भाषा का विषय नहीं है, यह मानवता और देश के नागरिकों के मौलिक अधिकारों का विषय है। क्या अफवाहों से उत्तेजित भीड़ द्वारा निर्दोष व असहाय लोगों की हत्या का आप अनुमोदन करते हैं या निंदा? राष्ट्रहित में आपका स्पष्टीकरण अनिवार्य और वांछित है।” दरअसल, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने मंगलवार को कहा कि ‘भीड़ हत्या’ (लिंचिंग) पश्चिमी तरीका है और भारत को बदनाम करने के लिये इसका इस्तेमाल कतई नहीं किया जाना चाहिए। विजयदशमी के मौके पर नागपुर के रेशमीबाग मैदान में ‘शस्त्र पूजा’ के बाद स्वयंसेवकों को संबोधित कर रहे भागवत ने कहा, ‘‘ ‘लिंचिग’ शब्द की उत्पत्ति भारतीय लोकाचार से नहीं हुई, ऐसे शब्द को भारतीयों पर ना थोपें।” उन्होंने कहा, ‘‘ ‘भीड़ हत्या’ (लिंचिंग) पश्चिमी तरीका है और देश को बदनाम करने के लिये भारत के संदर्भ में इसका इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए।”

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