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कमलेश तिवारी हत्या मामले में यूपी सरकार ने पीड़ित परिवार को दिया मदद का भरोसा, आत्मरक्षा के लिए दिया हथियार

नई दिल्ली: हिंदू समाज पार्टी के अध्यक्ष कमलेश तिवारी हत्या मामले में उत्तर प्रदेश सरकार ने पीड़ित परिवार को सुरक्षा, वित्तीय मदद और आत्मरक्षा के लिए लाइसेंस के साथ हथियार देने का फैसला किया है। लखनऊ के डिविजनल कमिश्रनर मुकेश मेश्रम ने पीड़ित परिवार से मुलाकात के बाद कहा कि सरकार पीड़ित परिवार की सहायता के लिए तैयार है। मैंने पीड़ित परिवार से मुलाकात के बाद उन्हें सुरक्षा और वित्तीय मदद देने का भरोसा दिया है। उन्होंने कहा कि कमलेश तिवारी के बड़े बेटे को लाइसेंस के साथ हथियार देने का भी फैसला किया है। साथ ही उनके लिए नौकरी की सिफारिश भी की गई है। मेश्राम ने कहा कि कमलेश तिवारी की हत्या के बाद पीड़ित रिश्तेदारों ने हमारे सामने कुछ मांगे रखी थी। जिसका हमनें संज्ञान लिया है। हम पीड़ित परिवार को सुरक्षा देंगे।

पीड़ित परिवार की सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात भी तय कर दी गई है। हमने पीड़ित परिवार के लिए सरकारी आवास उपलब्ध कराने की सिफारिश की है। गौरतलब है कि हिंदू समाज पार्टी के नेता कमलेश तिवारी की हत्या में हुई गिरफ्तारी पर उनके बेटे सत्यम तिवारी ने शनिवार को ही कहा था कि उन्हें नहीं पता है कि जो लोग पकड़े गए हैं उन्हीं लोगों ने पिता को मारा है या निर्दोष लोगों को फंसाया जा रहा है। मृतक के बेटे ने कहा था कि अगर यही लोग असली दोषी हैं और इनके खिलाफ कोई वीडियो सबूत है तो इसकी जांच एनआईए को करनी चाहिए। सत्यम ने आगे कहा था कि अगर उनकी जांच में यह साबित हो जाता है तभी वह लोग संतुष्ट होंगे। मुझे इस प्रशासन पर कोई विश्वास नहीं है। वहीं लखनऊ डिविजन के कमिश्नर मुकेश मेश्राम ने कमलेश तिवारी के परिवारजनों से मिलकर उनको दिलासा दिलाई थी कि उनको सुरक्षा दी जाएगी और सीएम योगी आदित्यनाथ से जल्द ही मुलाकात कराने का समय तय किया जा रहा है। साथ ही एक आवास,नौकरी की भी सिफारिश कर दी गई है। उन्होंने बताया कि बड़े बेटे को आत्मरक्षा के लिए लाइसेंसी हथियार दिया जाएगा। बता दें कि उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह ने शनिवार की सुबह संवाददाता सम्मेलन में बताया था कि इस वारदात में दो और आरोपी शामिल हैं, जिनके बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। उन्होंने बताया था कि तिवारी के परिजनों द्वारा दर्ज कराई गई प्राथमिकी में उप्र के बिजनौर निवासी अनवारूल हक और नईम काजमी के नाम हैं तथा उन्हें भी हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।

सिंह ने कहा था कि सूचनाएं और सुराग मिलने के बाद शुक्रवार को ही छोटी-छोटी टीमें गठित की गई थी। जांच में इस मामले के तार गुजरात से जुड़े होने का संकेत मिला। उन्होंने बताया था कि सुरागों के आधार पर मैंने गुजरात के डीजीपी से बात की। सिंह ने बताया कि लखनऊ के एसएसपी और स्थानीय पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज खंगाले। पुलिस और गुजरात पुलिस की संयुक्त टीम ने सूरत से तीन संदिग्धों को हिरासत में लिया है और उनसे पूछताछ की जा रही है। उन्होंने बताया था कि पकड़े गए तीन संदिग्धों के नाम मौलाना मोहसिन शेख सलीम (24), फैजान (30) और खुर्शीद अहमद पठान (30) हैं। तीनों सूरत के रहने वाले हैं। सिंह ने बताया था कि मौलाना अनवारुल हक और मुफ्ती नईम काजमी को शुक्रवार रात हिरासत में लिया गया। डीजीपी सिंह ने बताया था कि दो अन्य संदिग्धों को भी हिरासत में लिया गया था और उन्हें पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया। इनमें से एक राशिद का भाई और दूसरा गौरव तिवारी है।

उन्होंने बताया था कि गौरव ने कमलेश को कुछ दिन पहले फोन कर सूरत समेत अन्य जगहों पर भारत हिंदू समाज के लिए काम करने की इच्छा जताई थी। सिंह ने बताया था कि अब तक इस हत्याकांड का आतंकवाद से संबंध होने का संकेत नहीं मिला है। प्रारंभिक पूछताछ से लगता है कि 2015 में कमलेश तिवारी द्वारा दिया गया एक भाषण उनकी हत्या की वजह हो सकता है। गौरतलब है कि राजधानी लखनऊ के घनी आबादी वाले नाका हिंडोला इलाके में शुक्रवार को हिन्दू समाज पार्टी के नेता कमलेश तिवारी की दिनदहाडे़ हत्या कर दी गयी। पुलिस के अनुसार, कमलेश तिवारी नाका हिंडोला कि खुर्शेदबाग स्थित अपने घर में खून से लथपथ पाए गए। उन्होंने बताया था कि दो लोग उनसे मिलने आए थे। इस दौरान कमलेश ने अपने एक साथी को उन दोनों के लिए पान लाने भेजा था। जब वह लौटकर आया तो उसने कमलेश को खून से लथपथ हालत में पाया। कमलेश पूर्व में हिंदू महासभा से भी जुड़े थे।

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